हमदर्द की रूह-अफ्ज़ा

फोटो क्रेडिट -http://naqeebnews.com ये उन दिनों की बात है जब बाज़ार में तरह -तरह के शर्बत व्ग कोल्ड ड्रिंक नहीं आये थे ….तब गर्मी दूर भगाने का एक ही तरीका था …रूह अफजा शर्बत , गर्मी शुरू और रूह अफजा की मांग शुरू | ठंडे पेयों के फैलते जाल के बीच भी इसकी मांग कम … Read more

Share on Social Media

मैं कुल्हड़ हूँ

चाक धीरे -धीरे चल रही है , कुम्हार के सधे हुए हाथ लोनी मिट्टी को आकार दे रहे हैं | उन्हीं में एक कुल्हड़ का निर्माण हो रहा है | कुल्हड़ आकार ग्रहण करने के बाद भी इस लायक कहाँ होता है कि वो जल को संभाल सके , उपयोगी हो सके , तभी तो … Read more

Share on Social Media

मछेरन

मछेरन एक रोमांटिक कविता है … जिसमें कवि मछली पकड़ती स्त्री को देखकर मंत्रमुग्द्ध हो जाता है और उसे वो स्त्री दुनिया की सबसे सुंदर स्त्री लगने लगती है ……. मछेरन मै नदी के किनारे बैठा————- एकटक उस साँवली सी मछेरन को तक रहा था, जो डूबते हुये सूरज की लालिमा मे, अपनी कसी हुई … Read more

Share on Social Media

सदन है! लेकिन अटल कोई नहीं

अटल जी जैसा नेता जिसे पक्ष व् विपक्ष के सभी लोग सम्मान करते है आज के समय में दूसरा कोई नहीं है | इस समय उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है | आइये पढ़ें अटल बिहारी बाजपेयी जी की दीर्घायु की प्रार्थना करते हुए एक कविता … सदन है! लेकिन अटल कोई नहीं सदन है——- लेकिन … Read more

Share on Social Media

सावन अट्ठारह साल की लड़की है

कविता के सौदर्य में उपमा से चार -चाँद लग जाते हैं | ऐसे में सावन की चंचलता , अल्हड़ता , शोख नजाकत भरी अदाएं देख कर क्यों न कवि उसे १८ साल की लड़की समझ बैठे | आइये पढ़ें एक रिमझिम फुहारों में भीगी सुन्दर कविता सावन अट्ठारह साल की लड़की है सावन———– सीधे-साधे गाँव … Read more

Share on Social Media

चूड़ियाँ ईद कहती है

ईद का मुबारक मौका हो तो प्रियतमा अपने प्रिय की बाँट जोहती ही है और कहती है कि इस मौके पर तो कम से कम आ ही जाओ और इसे यादगार बना दो | चूड़ियाँ ईद कहती है कि अब चूड़ियाँ ईद कहती है। भर लो बाँहो मे मुझे, क्योंकि बहुत दिन हो गया, किसी … Read more

Share on Social Media

श्री राम

तेरी पीड़ा की प्रत्यंचा को—— सब खीच रहे है राम! तेरी नगरी मे, तुम्हें टेंट से ढक कर, मंदिर यहीं बनायेंगे—– बस चीख रहे है राम। हर चुनाव के मुद्दे मे, बस भुना रहे अयोध्या को, कुछ न किया और कुछ न करेंगे, सच तो ये है कि, ये नकली भक्त है आपके सारे, जो … Read more

Share on Social Media

माँ गंगा

जल दिवस के उपलक्ष्य मे माँ गंगा की पीड़ा पर लिखी कविता——– कविता – माँ गंगा माँ गंगा———- अब धरती पे रो रही है! इसके बेवफ़ा बेटो मे अब, भगीरथ का किरदार न रहा, रोज शहर और घर के मैलो से पाट रहे, उफ!अब गंगा अपने बेटो का प्यार नही, बल्कि उनके हाथो मिला जहर———- … Read more

Share on Social Media

होली और समाजवादी कवि-सम्मेलन

होली पर कवि सम्मलेन का अपना ही मजा है , क्योंकि हंसी के रंग के बिना तो होली अधूरी ही है , पर आज एक समाजवादी कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ है … जरा देखिये उसके रंग होली और समाजवादी कवि-सम्मेलन डरिये नही क्योंकि————– यहाँ न बीवी न उसके हाथ मे बेलन है, आज छूट … Read more

Share on Social Media

अलविदा श्रीदेवी

श्रीदेवी आज तू ——— लाइट,ऐक्सन,कैमरा यानी सबको तन्हा और, विरान कर गई। देखो हमारी भीगी नम आँखे—— हम कोई ऐक्टिंग नही करते, इसमे आज तेरे निभाये हर किरदार की वे—- हर एक सूरत उतर गई। तू क्या जाने कि तेरे जाने से, हमारी मुहब्बत के दरख्त़ो के सारे महबूब पत्तो को, तू दर-बदर-कर गई। हो … Read more

Share on Social Media