प्रेरणा में छिपी जलन
जो लोग आप का उत्साह बढाते हैं | आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते दिखते हैं | क्या वो आप से जल सकते हैं ? यकीनन आपका उत्तर ना ही होगा | लेकिन ऐसा हो भी सकता है , कई बार वर्षों बाद जब आपको पता चलता है कि अमुक व्यक्ति आपसे जलता रहा है और जिसके प्रेरणादायक शब्दों को सुन कर आप उसे अपना हितैषी समझ रहे थे, तो सच्चाई सामने आने पर आप के पैरों तले जमीन खिसकना स्वाभाविक है | आखिर कैसे पहचाने उन लोगों को जिनकी प्रेरणा में जलन छिपी हो …. How to know if someone is secretly jealous of you जरा इस उदाहरण पर ध्यान दीजिये …ये बातचीत है मिश्रा जी की और मिताली की हाँ तो क्या रिजल्ट रहा ?पड़ोस के मिश्रा जी ने पान चबाते हुए पूछा बड़ी ख़ुशी के साथ मिताली ने रिजल्ट उनके हाथ में पकड़ा दिया | मिताली को मिश्रा अंकल बहुत अच्छे लगते थे | वो उसकी पढाई -लिखाई में इतनी रूचि जो लेते थे | उनके शब्दों से उसे बहुत प्रेरणा मिलती थी | रिजल्ट लेते ही उन्होंने मुँह थोड़ा बिचकाकर पान का रस अंदर की ओर गुटकते हुए कहा , ” अरेरेरे ! क्लास में थर्ड , भई ये तो अच्छा नहीं लगा , फर्स्ट आओ तब कोई बात होगी , हमें तो तभी ख़ुशी होगी , अभी और मेहनत करो और … ————————— ठीक है , ठीक है , फर्स्ट तो आई हो पर ये गणित /हिंदी /विज्ञान में नंबर कुछ कम है , भी जब गणित में सौ में सौ नंबर आयेंगे तो ख़ुशी होगी | ——————— ये स्कूल तो खासा नामी नहीं है , अरे फलाना स्कूल में पढ़ातीं तब कुछ ख़ुशी की बात होती | कोशिश करती रहो …करती रहो | ————————- अच्छा -अच्छा लिखने लगी हो ?( यहाँ आप किसी भी कला , प्रतिभा को ले सकते हैं ) कहाँ छप कहाँ रही हो ? ओह , ठीक है अच्छी बात है , तुम्हें बड़ी लेखिका , तब मानेगे जब नेशनल पत्रिकाओं में छ्पोगी …फिर शिकायत नहीं रहेगी कि हमने तारीफ़ नहीं करी | मिताली क्लास में फर्स्ट भी आ गयी , गणित में १०० में १०० नंबर नंबर भी , अच्छे स्कूल में पढ़ाने लगी और बड़ी पत्रिकाओं में छपने भी लगी | लेकिन मिश्रा जी खुश नहीं हुए …इस बार उन्होंने ख़ुशी को आगे सरकाया भी नहीं , पर उनके निराश चेहरे ने उनके अतीत के सभी वाक्यों की पोल खोल दी | अब बारी मिताली के चौंकने की थी | क्या आप ने देखे हैं ऐसे लोग ? पहचानिए प्रेरणादायक शब्दों के पीछे छिपी जलन की भावना को जब बच्चा पहला कदम रखता है तो माता -पिता की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता | वो हर कदम पर उसे प्रोत्साहित करते हैं ,सँभालते हैं , गिरने पर पैरों की मालिश कर उसे फिर से दुरुस्त करते हैं | जब बच्चा चलने लगता है , दौड़ने लगता है तो उसे इस की जरूरत ही नहीं रहती | हमारे आस -पास हमारे अपनों में बहुत से ऐसे लोग होते हैं , जो हमारे किसी क्षेत्र में पहले कदम पर ताली नहीं बजाते , गिरने पर सँभालते भी नहीं , हाँ ये जरूर कहते हैं कि , “ठीक है कोशिश कर रही/रहे हो अच्छा है लेकिन जब ‘वो’ …प्राप्त करोगी /करोगे तब हमें ख़ुशी होगी | अक्सर हम इस बात को मोटिवेशनल समझने की व् उन्हें अपना हितैषी समझने की भूल कर जाते हैं | लेकिन जब हम गिरते, लडखडाते संभलते , तथाकथित ”वो” स्थान प्राप्त कर लेते हैं , तब असली चेहरा सामने आता …क्योंकि तब भी वो खुश नहीं होते | मोटिवेशन और इर्ष्या में अंतर अक्सर लोग नहीं समझ पाते हैं | जो व्यक्ति वास्तव में आप को प्रेरणा देना चाहता है वो हर कदम पर आपके साथ होगा | वो पहले कदम के बाद दूसरा कदम रखने की जुगत बतायेगा | लेकिन जो व्यक्ति इर्ष्या करता है वो पहले कदम के बाद ये कह कर तारीफ़ नहीं करेगा ….वो देखों वो है चाँद …जो वहां तक नहीं गया , समझो वो चला ही नहीं | जब व्यक्ति पहले ही कदम पर चाँद को देखता है तो उसका मनोबल टूट जाता है | अरे इतनी लम्बी यात्रा कैसे होगी , वो चलने से डर जाता है और दूसरा कदम ही नहीं रख पाता | दरअसल पहले कदम पर ताली बजा कर हौसला अफजाई की जरूरत होती है ….चलने की अधिकतम सीमा बताने की नहीं | अगर आप के आस -पास के कोई व्यक्ति ऐसा कर रहे हैं तो उनके मन में आप के लिए प्रशंसा का भाव कम इर्ष्या का भाव ज्यादा है | वो आपकी छोटी से छोटी गलतियों पर ध्यान दिलाएंगे अगर आप सफल हैं और अपने क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं तो ऐसी लोग आप की छोटी से छोटी गलती पर ध्यान दिलाएंगे | मान लीजिये अगर आप थोड़ा सा असफल होते हैं तो उनका पहला शब्द होगा , ” देखा मैंने तो कहा था |” ऐसा कह के वो अपने को थोड़ा सा उंचा महसूस करते हैं | आपका उतरा चहेरा उनकी तसल्ली होती है | यहाँ पर कुछ अन्य लक्ष्ण दे रही हूँ ताकि आप अपने करीबी लोगों की छुपी हुई जलन को पहचान सकें वो आपको नज़र अंदाज करेंगे जब आप सफल होंगे तब उनका व्यवहार आप के प्रति बदल जाएगा | वो आपके लिए कभी समय नहीं निकालेंगे | जब भी आप उनके मिलने बात करने की इच्छा रखेंगे वो मैं व्यस्त हूँ कह कर बात खत्म कर देंगे | दोस्तों की महफ़िल में वो आप को नज़र अंदाज कर देंगे | आप देखेंगे कि जिस समय आप की उपस्थिति में वो आप को नज़रअंदाज कर रहे हैं …ठीक उसी समय वो किसी अन्य मित्र या व्यक्ति के आने पर अपना पूरसमी देकर खुल कर बात करेंगे | उल्टा चक्र दुनिया का नियम है कि जब आप सफल हैं तो लोग आपस जुड़ते हैं और असफलता मिलते ही दूर होने लगते हैं | कहा भी … Read more