जानिये प्यार की 5 भाषाओँ के बारे में

    हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू , फ़ारसी , लैटिन या फ्रेंच …. कितनी भी भाषाएँ आती हो मगर , प्यार की भाषा नहीं आती तो रिश्तों के मामले में तो शून्य ही रह जाते हैं | आप सोच सकते हैं कि ऐसा भला कौन हो सकता है जिसे प्यार की भाषा ना आती हो … तो ठहरिये आपको अपनी नहीं जिसे से आप प्यार करते हैं उसकी भाषा समझने की जरूरत है | कैसे ? आज वैलेंटाइन डे पर खास ये रहस्य आपसे साझा कर रहे हैं ………   वैलेंटाइन डे – जानिये प्यार की 5 भाषाओँ के बारे में    अभी कुछ दिन पहले की बात है मैं अपनी सहेली लतिका के साथ दूसरी सहेली प्रिया के घर गयी| प्रिया थोड़ी उदास थी| बातों का सिलसिला शुरू हुआ, तभी मेरी नज़र उसके हाथों की डायमंड रिंग पर गयी | रिंग बहुत खूबसूरत थी | मैंने तारीफ़ करते हुए कहा,” वाह  लगता है जीजाजी ने दी है, कितना प्यार करते हैं आपसे | मेरी बात सुन कर उसकी आँखों में आँसू आ गए, जैसे उनका वर्षों पूराना दर्द बह कर निकल जाना चाहता हो| गला खखार कर बोलीं,” पता नहीं, ये प्यार है या नहीं, नीलेश, महंगे से महंगे गिफ्ट्स दे देते हैं, मेरी नज़र भी अगर दुकान पर किसी चीज पर पड़ जाए तो उसे मिनटों में खरीद कर दे देते हैं, चाहें वो कपड़े हो, गहने हों या श्रृंगार का कोई सामान, पर जब मैं खुश हो कर उसे पहनती हूँ तो कभी झूठे मुँह भी नहीं कहते कि बहुत सुन्दर लग रही हो| पहले मैं पूँछती थी ,” बताओ न, कैसी लग रही हूँ “ , तो हर बार बस वही उत्तर दे देते,  “वैसी  ही जैसी हमेशा लगती हो … अच्छी”| मेरा दिल एकदम टूट कर रह जाता | मैंने कितनी ऐसी औरते देखी हैं जो बिलकुल सुन्दर नहीं हैं, पर उनके पति उन्हें सर पर बिठा कर रखते हैं … परी, हूर , चाँद का टुकड़ा न जाने क्या–क्या कहते हैं, एक तरफ मैं हूँ जिसे दुनिया सुन्दर कहती है उसका पति कभी कुछ नहीं कहता , ये महंगे गिफ्ट्स क्या हैं? … बस अपनी हैसियत का प्रदर्शन हैं | बिना भाव से दिया गया हीरा भी पत्थर से अधिक कुछ नहीं है मेरे लिए | उनका दुःख जान कर मुझे बहुत दुःख हुआ पर मैंने माहौल को हल्का करने के लिए इधर –उधर की बातें करना शुरू किया | हमने हँसते –खिलखिलाते हुए उनके घर से विदा ली |                   रास्ते में लतिका कहने लगी,  “कितनी बेवकूफ है प्रिया, उसे अपने पति का प्यार दिखता ही नहीं | अगर प्यार न करते तो क्या इतने महंगे गिफ्ट्स ला कर देते, एक मेरे पति हैं, मेरी दुनिया भर की तारीफें करते रहेंगे, गीत , ग़ज़ल भी मेरे ऊपर लिख देंगे, मगर मजाल है गिफ्ट के नाम पर एक पैसा भी खर्च करें | बहुत महंगा गिफ्ट तो मैंने चाहा ही नहीं , पर एक गुलाब का फूल तो दे ही सकते हैं |”              घर आ कर मैं प्रिया और लतिका के बारे में सोंचने लगी | दरअसल ये समस्या प्रिया और लतिका की नहीं हम सब की है | हम सब अक्सर इस बात से परेशान रहते हैं कि जिसे हम इतना प्यार करते हैं, वो हमें उतना प्यार नहीं करता, या फिर हम तो अपने प्यार का इजहार बार–बार करते हैं पर वो हमारी  भावनाओं को समझता ही नहीं या उनकी कद्र ही नहीं करता| ये रिश्ता सिर्फ पति –पत्नी या प्रेमी –प्रेमिका का न हो कर कोई भी हो सकता है, जैसे माता–पिता का रिश्ता, भाई बहन का रिश्ता, दो बहनों को का रिश्ता, दो मित्रों का रिश्ता | इन तमाम रिश्तों में प्यार होते हुए भी एक दूरी होने की वजह सिर्फ इतनी होती है कि हम एक दूसरे के प्यार की भाषा नहीं समझ पाते | क्या होती है प्यार की भाषा –                     मान लीजिये आप अपनी किसी सहेली से मिलती हैं, वो आपको अपने तमिलनाडू टूर के बारे में बता रही है कि वो कहाँ–कहाँ गयी, उसने क्या–क्या किया, क्या–क्या खाया वगैरह–वगैरह, पर वो ये सारी  बातें तमिल में बता रही है, और आपको तमिल आती नहीं | अब आप उसे खुश देख कर खुश होने का अभिनय तो करेंगी  पर क्या आप वास्तव में खुश हो पाएंगीं ? नहीं, क्योंकि आपको एक शब्द भी समझ में नहीं आया| अब बताने वाला भले ही फ्रस्टेट हो पर गलती उसी की है, सारी कहानी बताने से पहले उसे पूँछ तो लेना चाहिए था कि आपको तमिल आती है या नहीं ? ठीक उसी तरह प्यार एक खूबसूरत भावना है पर हर किसी को उसे कहने या समझने की भाषा अलग–अलग होती है | अगर लोगों को उसी भाषा में प्यार मिलता है जिस भाषा को वो समझते हैं तो उन्हें प्यार महसूस होता है, अन्यथा उन्हें महसूस ही नहीं होता कि उन्हें अगला प्यार कर रहा है| अलग होती है सबकी प्यार की भाषा                          मनोवैज्ञानिक गैरी चैपमैन के अनुसार प्यार की पाँच भाषाएँ होती हैं और हर कोई अपनी भाषा में व्यक्त  किये गए प्यार को ही शिद्दत से महसूस कर पाता है | अगर आप किसी से उसकी प्यार की भाषा में बात नहीं करेंगे तो आप चाहे जितनी भी कोशिश कर लें वो खुद को प्यार किया हुआ नहीं समझ पाएगा | आपने कई ऐसे लोगों को देखा होगा जिनके बीच में प्यार है, दूसरों को समझ में आता है कि उनमें प्यार है, पर उनमें से एक हमेशा शिकायत करता रहेगा कि अगला उसे प्यार नहीं करता | कारण स्पष्ट है कि अगला उसे उस भाषा में प्यार नहीं करता जिस भाषा में उसे प्यार चाहिए| मनोवैज्ञानिक गैरी चैपमैन ने इसके लिए लव टैंक की अवधारणा प्रस्तुत की थी | जब आप किसी से उस की प्यार की भाषा में बात करते हैं तो उसका लव टैंक भर जाता है और वो खुद को प्यार किया हुआ महसूस करता है , लेकिन अगर आप  उस के प्यार की भाषा में बात नहीं करते … Read more