खरगांव का चौक -उपन्यास अंश

खरगांव का चौक

विदर्भ के किसानों की जीवंत दास्तान आशा पाण्डेय का उपन्यास ‘खरगाँव का चौक’ विदर्भ  के किसानों की जिजीविषा, सपनों, अपने जीवन को बेहतरी की ओर ले जाने के उनके प्रयासों और सामूहिकता व सहकारिता के मूल्यों को लेकर लिखा गया हमारे समय का एक महत्वपूर्ण उपन्यास है। आशा पाण्डेय ने अपने इस उपन्यास में विदर्भ … Read more

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ढ़ेर सेर चाँदी -सारांश व समीक्षा

ढ़ेर सेर चाँदी

अंत हीन दुख, निराशा, पीड़ा अवसाद की ओर धकेलते हैं और अगर घनघोर निराशा की बीच आस की अंतिम किरण भी डूब जाए तो व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन कैसे संभाले l नईका के साथ भी यही हुआ l मैं बात कर रही हूँ अभी हाल में घोषित हुए रमाकांत स्मृति पुरुस्कार से सम्मानित आशा पांडे … Read more

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डेढ़ सेर चाँदी

डेढ़ सेर चाँदी

  अंत हीन दुख, निराशा, पीड़ा अवसाद की ओर धकेलते हैं और अगर घनघोर निराशा की बीच आस की अंतिम किरण भी डूब जाए तो व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन कैसे संभाले l नईका के साथ भी यही हुआ l मैं बात कर रही हूँ अभी हाल में घोषित हुए रमाकांत स्मृति पुरुस्कार से सम्मानित आशा … Read more

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वसीयत 

वसीयत

बिन ब्याही बेटियाँ, तलकशुदा, परित्यक्ता या विधवा महिलायें सदियों से उस घर पर बोझ समझी गईं जिस के आँगन की मिट्टी में खेल कर बड़ी हुई, जिन्होंने अपनी कच्ची उम्र अपने छोटे भाई बहनों को पालने में बिता दी , और विवाह से पहले के हर दिन माँ के साथ घर की देखभाल में खपने … Read more

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