निर्मल वर्मा की कहानी परिंदे का सारांश व समीक्षा
–‘मुझे लगा, पियानो का हर नोट चिरंतन खामोशी की अँधेरी खोह से निकलकर बाहर फैली नीली धुंध को काटता, तराशता हुआ एक भूला-सा अर्थ खींच लाता है। गिरता हुआ हर ‘पोज’ एक छोटी-सी मौत है, मानो घने छायादार वॄक्षों की काँपती छायाओं में कोई पगडंडी गुम हो गई हो…’ निर्मल वर्मा जैसे कथाकार दुर्लभ … Read more