शिलाएं मुस्काती हैं-प्रेम के भोजपत्र पर लिखीं यामिनी नयन की कविताएँ
नारी की काया में प्रवेश कर कोई भी रचनाकार स्त्री की पीड़ा को उतनी साफगोई से व्यक्त नहीं कर सकता जितनी वाक् निपुणता से एक महिला सृजनधर्मी | फिर भी यह आवश्यक है कि यह पीड़ा उसकी झेली या भोगी हुई हो| आत्मसात की हो संत्रस्त महिला की त्रासदी | आजकल समय के शिलाखंड … Read more