पुस्तक समीक्षा -शंख पर असंख्य क्रंदन

संख पर असंख्य क्रंदन

    जो देश और काल को परिभाषित कर दे, उसकी समस्याओं, तकलीफों, बेचैनियों को शब्द दे दे, दुःख सुख, युद्ध शांति, संयोग वियोग, मानवता नृशंसता को व्याख्यायित कर दे, जीवन को आधार प्रदान करे, श्वास लेने के लिए मुफीद जगह उपलब्ध करवा दे, वही कविता है. कविता का संसार अत्यंत व्यापक है जिसका कोई … Read more

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ताबूत में कैद जिन्दगी सांस ले रही है•••डॉ. सुनीता

मुशर्रफ आलम जौकी

  उर्दू व हिंदी साहित्य का जाना-पहचाना नाम मुशर्रफ आलम जौकी जी का कल दिनांक 19 अप्रैल 2021 को निधन हो गया| नए साल के स्वागत में ‘2021: एक नई सुबह की शुरुआत करें’ शीर्षक से लिखे लेख में जब उर्दू के जानेमाने लेखक मुशर्रफ आलम जौकी ने लिखा था कि, “मैं इतनी बुरी दुनिया … Read more

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