ऐ, सुनो ! मैं तुम्हारी तरह
पितृसत्ता की लड़ाई स्त्री और पुरुष की लड़ाई नहीं है ,ये उस सोच की लड़ाई है जो स्त्री को पुरुष से कमतर मान कर स्वामी और दासी भाव पैदा करती है |कई बार आज का शिक्षित पुरुष भी इस दवंद में खुद को असहाय महसूस करता है | वो समझाना चाहता है कि भले ही … Read more