ऐ, सुनो ! मैं तुम्हारी तरह

ऐ सुनो

पितृसत्ता की लड़ाई स्त्री और पुरुष की लड़ाई नहीं है ,ये उस सोच की लड़ाई है जो स्त्री को पुरुष से कमतर मान कर स्वामी और दासी भाव पैदा करती है |कई बार आज का शिक्षित पुरुष भी  इस दवंद में खुद को असहाय महसूस करता है | वो समझाना चाहता है कि भले ही … Read more

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पौ फटी पगरा भया

शिवानी शर्मा

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है | समाज में कई रिश्तों के बीच उनका जन्म होता है और जीवन पर्यन्त इस रिश्तों को निभाता चला जाता है | कुछ रिश्ते उसके वजूद का इस कदर हिस्सा बन जाते हैं कि उनसे अलग वो अपने अस्तित्व को समझ ही नहीं पाता | कभी कभी कोई एक घटना … Read more

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दोस्ती

  कोई भी रिश्ता हो अगर वहां दोस्ती का भाव हो तो वो रिश्ता अच्छा होता है | पति -पत्नी के रिश्तों में अक्सर अपेक्षाओं का बोझ होता है | क्या ही अच्छा हो कि दोनों एक दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त हों | ऐसी ही प्यारी सी कहानी ले कर आयीं हैं रश्मि वर्मा … Read more

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