परछाइयों के उजाले 

प्रेम को देह से जोड़ कर देखना उचित नहीं पर समाज इसी नियम पर चलता है | स्त्री पुरुष मैत्री संबंधों को शक की निगाह से देखना समाज की फितरत है फिर अगर बात प्रेम की हो …शुद्ध खालिस प्रेम की , तब ? आज हम भले ही प्लैटोनिक लव की बात करते हैं पर … Read more

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