पिता पुराने दरख़्त की तरह होते हैं-पिता पर महेश कुमार केशरी की 9 कविताएँ
अगर माँ धरती है तो पिता आसमान, माँ घर है की नीव है तो पिता उसकी छत, माँ धड़कन है तो पिता साँसे l माता और पिता से ही हर जीव हर संतान आकार लेता है और आकार लेती हैं भावनाएँ l ऐसे में माँ के लिए व्यक्त उद्गारों में पिता कैसे अछूते रह सकते … Read more