सिन्हा बंधु- पाठक के नोट्स

सिंह बंधु

  “जिस तरह जड़ों से कटा वृक्ष बहुत ऊंचा नहीं उठ सकता|उसी तरह समृद्धिशाली भविष्य की दास्तानें अतीत को बिसरा कर नहीं लिखी जा सकती |” “सिन्हा बंधु” उपन्यास ऐसे ही स्वतंरता संग्राम सेनानी “राजकुमार सिन्हा” व उनके छोटे भाई “विजय कुमार सिन्हा” की जीवन गाथा है .. जिनकी माँ ने अपने एक नहीं दो-दो … Read more

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