हवा का झोंका थी वह -स्त्री जीवन के यथार्थ की प्रभावशाली अभिव्यक्ति    

हवा का झोंका थी वह

     समकालीन कथाकारों में अनिता रश्मि किसी परिचय की मोहताज़ नहीं है। हवा का झोंका थी वह अनिता रश्मि का छठा कहानी संग्रह है। इनके दो उपन्यास, छ: कहानी संग्रह सहित कुल 14 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी रचनाएँ निरंतर देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। इस संग्रह में … Read more

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उपन्यास अंश – बिन ड्योढ़ी का घर – भाग दो 

बिन ड्योढ़ी का घर

ऊर्मिला शुक्ल जी का “बिन ड्योढ़ी का घर” एक ऐसा उपन्यास है जिसमें स्त्री के जीवन का हाहाकार सुनाई देता है | साथ ही उपन्यासकार अपने आस -पास के जीवन के पृष्ठों को खोलने में कितनी मेहनत कर सकता है, छोटी से छोटी चीज को कितनी गहराई से देख सकता है और विभिन्न प्रांतों के … Read more

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बिन ड्योढ़ी का घर -स्त्री संघर्ष और स्वाभिमान की गाथा

बिन ड्योढ़ी का घर -स्त्री संघर्ष और स्वाभिमान की गाथा

इतनी किताबों पर लिखने के बाद अगर किसी उपन्यास को पढ़ने के बाद भी ये लगे की मैं जो इस पर कहना चाह रही हूँ, उसके लिए शब्द साथ छोड़ रहे हैं तो मेरे विचार से इससे बढ़कर किसी उपन्यास के सशक्त होने का क्या प्रमाण हो सकता है | ऐसा ही उपन्यास है ऊर्मिला … Read more

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बदल दें

किरण आचार्य

क्या इतिहास को बदला जा सकता है | हालांकि ये ये संभव नहीं है फिर भी कवी मन ऐतिहासिक पात्रों से गुहार लगा उठता है कि वो अपने निर्णयों को बदल दें | खासकर तब जब उनके निर्णय की अग्नि में स्त्री का अतीत और वर्तमान झुलस रहा हो | क्योंकि इतिहास की कोख से … Read more

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