हिस्टीरिया तन से कहीं अधिक मन का रोग है | तनाव का वो कौन सा बिंदु है जिसमें मन अपना सारा तनाव शरीर को सौप देता है …यही वो समय है जब रोगी के हाथ पैर अकड़ जाते हैं, मुँह भींच जाता है और आँखें खुली घूरती सी हो जाती है | हिस्टीरिया का मरीज … Read more
स्मृतियाँ हमें तोडती भी हैं हमें जोडती भी हैं | ये हमारी जीवन यात्रा की एक धरोहर है | हम इन्हें कभी यादों के गुद्स्तों की तरह सहेज कर रख लेना चाहते हैं तो कभी सीखे गए पाठ की तरह |स्मृति का जाना एक दुखद घटना है | पर क्या कभी कोई व्यक्ति स्वयं ही … Read more
“आज कल मुझे कुछ याद नहीं रहता” कितनी बार हम खुद ये शब्द कहते हैं और कितनी बार अपनों के मुँह से सुनते हैं | पर क्या एक कदम ठहर कर सोचते हैं कि ऐसा क्यों होता है ? क्या हम रोगी के साथ उस तरह से जुड़ पाते हैं जिस तरह से जुड़ना चाहिए … Read more