दीपक शर्मा की कहानी सवारी

सवारी

अपना पैसा,  अपनी सवारी, और अपना मकान  ..अपने वजूद की तलाश करती स्त्री की यही तो पायदानें है जिनसे वो आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान अर्जित करती है | पर क्या ये सब इतना सहज है? और क्या स्त्री देह के प्रति समाज की सोच बदल जाती है ?  हम सबकी प्रिय  वरिष्ठ कथाकार  दीपक शर्मा की … Read more

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गईया-मईया- पी. शंभू सिंह जी की कहानी

गईया मैया

  गाय    की तुलना अक्सर स्त्री से की जाती है | साम्यता भी तो कितनी है दोनों में गईया हो या स्त्री ..  जिस खूँटे से बाँध दी जाती है आजन्म उसी से बँधी    रहती है | चाहे सूखा घास -फूस ही खाने को मिलता रहे पर पूरे घर की सेवा करने में … Read more

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मम्मा हमको ब्वाय बना दो

मम्मा हमको बॉय बना दो

मासूम  प्यारी सी बच्ची  जिसको दखकर मन स्वत: ही स्नेह से भर जाता है | जरा उसकी दर्द भरी  गुहार को सुनिए |तब  स्त्री और पुरुष  की बराबरी की बातें बेमानी हो जाती हैं |  बेमानी हो जाती है ये बात कि शिक्षा और कैरियर में स्त्री पुरुष का संघर्ष बराबर है जब उन्हें घर … Read more

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