छोटे भाइयों को समर्पित एक चित्र कथा
कहते हैं बड़ी किस्मत से बड़ी बहन या दीदी मिलती है | शायद आपने भी सोलह सोमवार ,१८ रविवार ,या सत्रह वीरवार किये हो |क्योंकि जब इनसब का पुन्य जोड़ा जाता है तब आप को एक बड़ी बहन मिलती है| क्योंकि दीदी होने के बहुत फायदे हैं ……… दीदी बहन तो है ही माँ भी है और दोस्त भी | अगर है तो अपने भाग्य सराहिये की आपके एक दीदी है |बड़ी बहन और आपके बीच खूब प्यार होता है और उससे ज़्यादा तकरार होती है. लेकिन बड़ी बहन बिना किसी स्वार्थ के आपका हमेशा साथ देगी. इसीलिए तो हर किसी की दीदी ज़रूर होनी चाहिए| आप की जानकारी के लिए दीदी के फायदे भी बता दे |
बचपन की बात चली तो हम तेरा नाम लेंगे
अमरुद के पेड़ से अमरुद तोडना ,खट्टी इमली खाना , डायनिंग टेबल के नीचे घर बनाना | और हां जब बचपन में दीदी ने आप को अपनी फ्रॉक पहना दी थी ,और हलकी सी लिपस्टिक लगा कर स्कूल ले गयी थी ….तब | अरे जब भी बचपन की बात हो और दीदी का जिक्र ना हो ये तो हो ही नहीं सकता | याद करिए …….. नहीं ना |
दिल तो बच्चा है जी
कितना मजा आया था जब बचपन में पूरे शरीर को रंग से पोत लिया था ,फनी फेसेस बनाये थे । अब बड़े हो गए हैं तो वो सब कर ही नहीं सकते न ,न ज़रा भी नहीं। ………. कहीं जाओ तो शिष्टाचार के मारे हम बेचारे। … ब अदब ब मुलायजा होशियार रहना ही पड़ता है । पर दीदी तो सब की साक्षी है ,उसका तो देखा हुआ है। ………… अगर कभी बचकाना हरकत करने का मन करे तो दीदी के सामने कर सकते हैं
तुझको खुश देख कर मैं बहुत खुश हुई
बचपन से यही तो होता चला आ रहा है क्रिकेट मैच हो ,स्कूल का रिजल्ट हो या मुहल्ले की फाइटिंग में जीते हो । आप खुश तो दीदी डबल खुश ।
दुनियाँ जले तो जले
अरे तुम कैसे आदमी हो ,तुमने ये क्यों किया ,ऐसा करना सही नहीं था । सारा ज़माना आपके पीछे पड़ सकता है पर दीदी आपको कभी भी जज नहीं करेगी । उसके लिए तो उसका भैया या बहन लाडला ही है
मुझे मार खाने से बचाओ
बचपन तो बचपन है शरारते तो हो ही जाती हैं । पापा और मम्मी गुस्से में घूम रहे हैं । पिटाई का पूरा सामान तैयार है ऐसे में एक ही शख्स आपको बचा सकता है। … वो है दीदी। ……………दीदीईइ फ्लावर पॉट टूट गया कहाँ हो तुम ?????
ये जो दीदी है ये सब जानती है
एको ब्रह्म दृतियों नास्ति । दीदी आप के सारे राज़ जानती है किससे लड़ाई चल रही है ,किससे दोस्ती । रोज़ शाम को यहाँ -वहाँ …… कहाँ 🙂 जाते हैं आपने चुपके से माँ के छिपाए लड्डू खा लिए ।दीदी को सब पता है । पर डोंट वरी दीदी किसी को बताएगी नहीं
दिल की बात कहेगी दीदी
अरे ये कैसा चश्मा लगा रखा है ,बिलकुल बुद्धु लग रहे हो , इस पैंट के साथ ये शर्ट ………मेरे आगरा रिटर्न भैया ……… शर्ट बदलो । दीदी डरती नहीं हैं आपसे, राय देगी फटाक से । माना की अब आप बड़े अफसर हो गए हैं सब आप के रौब -दाब से डरते हैं पर अब कोई भी राय चाहिये तो दीदी बेहिचक देगी ।
लाख छिपाओ छिप न सकेगा राज़ ये इतना गहरा
पता नहीं ये दीदी अन्तर्यामी होती है या जासूसी संस्था xxx की सदस्य बांड 007 कितना भी छुपाओ ,वो मूड तुरंत भांप लेती है । और फिर लाड -प्यार से ठीक भी कर् देती है
रूठा है तो मना लेंगे
याद करिये बचपन के वो लड़ाई झगडे जब कुत्ते -बिल्ली की तरह झगड़ते थे । माँ थक कर लेटी होती और दीदी से अपना झगड़ा शुरू । माँ की डाँट खाकर बालकनी में आ जाते । फिर शुरू होता मनाने का दौर । इतना तो पक्का है आप अपना ईगो कितना भी हाई कर ले ।रूठ कर घर के एक कोने में बैठ जाए। ………दीदी आप को जैसे कैसे ,तैसे मन ही लेगी ।
तेरे बदले मैं ज़माने की कोई चीज न लूँ
आप शायद अपनी बड़ी बहन से कई दिनों बात न करी हो , लेकिन उसे आप की याद सदा ही आती रहती है । दीदी कभी भी अपने छोटे भाई बहनों को नहीं भूलती . जब भी आप दीदी से बात करने के लिए फ़ोन लगायेंगे तो सौ काम छोड़ करके आप का फोन उठाएगी ,आप को पूरा समय देगी । जो निस्वार्थ ख़ुशी उसकी आवाज़ में होगी उसकी तुलना करना मुश्किल है. आप चाहे कितना भी दूर क्यों न रह रहे हो, रक्षा बंधन पर दीदी की राखी, भाई दूज पर रोचना आप तक ज़रूर पहुंचेगा .……… अगर आज जिंदगी की आपाधापी में अपनी दीदी को भूल गए हैं। ………. तो भी वो आपसे शिकायत नहीं करेगी । चुपचाप आप के लिए ईश्वर से दुआयें माँगती रहेगी व् हर त्यौहार पर आप को याद करने से उसकी आँखे व् आँचल गीला होता रहेगा । ऐसा होता है बड़ी बहन का प्रेम
😇☺nice.
'दीदी दिवस'भी घोषित हो जाय तो 😃😁😆😅!
Keyboard जरूर दुरुस्त रखें विशेष रूप से संस्कृत भाषा के लिए ☺थैंक्स 🙏
धन्यवाद