मृत्यु

मृत्यु तुम मेरा क्या कर लोगी
बस पात्र बदल दोगी
जीवन की लम्बी यात्रा में
कितने पात्रों को खेला है
कभी पुरुष कभी स्त्री बनकर
कितनी पीड़ा को झेला है
एक रूप नया देकर मुझको
तुम एक नयी पीड़ा  दोगी

वंदना बाजपेयी

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