चिट्ठी भाई के नाम
***************भैया
पिछले रक्षाबंधन पर
जैसे ही मैंने नैहर की
चौकठ पर
रखा पांव
बड़े नेह से भौजाई
लिए खड़ी थी हांथो में
थाल
सजाकर
जुड़ा हमारा
हॄदय
खुशी से आया
नयन भर
हमने
दिया आशीष
मन भर
सजा रहे भाई का
आंगन
भरा रहे भाभी का
आँचलरहे अखंड
सौभाग्य
हमारा
नैहर रहे
आबाद
आंगन
भरा रहे भाभी का
आँचलरहे अखंड
सौभाग्य
हमारा
नैहर रहे
आबाद
भैया तुम रखना भाभी का
खयाल
कभी मत होने देना
उदास
भाभी तेरे घर की
लक्ष्मी है
और तुम हो
घर के सम्राट
खयाल
कभी मत होने देना
उदास
भाभी तेरे घर की
लक्ष्मी है
और तुम हो
घर के सम्राट
माँ भी हैं तेरे साथ
उन्हें भी देना मान
सम्मान
सिर्फ़ तुमसे है
इतना आस
पापा का बढ़ाना
नाम
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©कॉपीराइट किरण सिंह
©कॉपीराइट किरण सिंह
बहुत खूबसूरत कविता
bahut sundar kavita ……