1–
हो
दर्प
दहन
खिलें रंग
अपनों संग
प्रेम विश्वास के
होली के उल्लास में।
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2–
आ
छोड़ें
अपनी
द्वेष ईर्ष्या
करें संपन्न
होलिका दहन
मथें विचार गहन।
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हो
दर्प
दहन
खिलें रंग
अपनों संग
प्रेम विश्वास के
होली के उल्लास में।
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2–
आ
छोड़ें
अपनी
द्वेष ईर्ष्या
करें संपन्न
होलिका दहन
मथें विचार गहन।
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3)
——-
आ
चल
जलाएँ
बुराइयाँ
होलिका संग
बदलेगा ढंग
सबके जीवन का।
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4)
——-
हो
जीत
अधर्म
बेईमानी
अन्याय पर
होलिका दहन
करे इनको वहन
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5
———
स्व
बचे
लकड़ी
पर्यावरण
हो सुरक्षित
कंडे अपनाएँ
यूँ होलिका जलाएँ।
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6
———
आ
पूजें
होलिका
रंग कंडे
मौली ले हाथ
जलाएँ दीप आठ
परिक्रमा करें सात।
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डॉ.भारती वर्मा बौड़ाई ।
फोटो क्रेडिट –जनसत्ता
होली की हार्दिक शुभकामनाएं