फेसबुक एप – ये फेसबुक है ये सब जानती है

फेसबुक एप - ये फेसबुक है ये सब जानती है






आपको एक पुरानी फिल्म जरूर याद होगी |
नाम था शतरंज के खिलाड़ी |
वो नवाबों के ज़माने की
फिल्म थी
| पर
यहाँ मैं फिल्म की बात नहीं करना चाहता
| मैं बात करना चाहता हूँ खेल शतरंज की |
काफी नवाबी खेल हुआ करता था
| उस
समय लोग जिनके पास समय होता था वह इसे खेला करते थे
|
एक एक चाल सोचने में मिया
चार
पांच
घंटे लग जाते
| वजीर
तो वजीर पैदल भी २ २ घंटे टस से मस नहीं होता
| गोया पान खाते रहो और पीक थूकते
-थूकते सुबह से शाम हो जायेगी
| वो जमाना गया , फिर आया ताश का जमाना , नहले पर दहला डालते घंटे चुटकियों
में कट जाते
| पान
खाने और पीक थूकने की आदत ने यहाँ भी खूब साथ निभाया
|

हम भारतीय तो उसी में खुश
थे
| तभी
मार्क जुकरबर्ग फेसबुक लेकर आ गए
| कहा रिश्ते नातेदारों को एक सूत्र में बाँध कर रखेंगे |
दूर रह कर भी पास रहेंगे |
बस सब दौड़ पड़े
कोई एक आई डी से,
२ -४ कोई फेक आई डी से |
५ रिश्तेदारों के

नाम भी न
जानने वालों ने ५००० मित्र बनाये | सब सेलेब्रेटी स्टेटस हो वाले हो गए |
पर पान खाने और पीक थूकने
की आदत गयी नहीं
| बस
फर्क इतना आया की ये सारी की सारी पीक आभासी होती जो एक दूसरों की पोस्ट पर थूंकते
फिरते
| बातों
के फ़साने बनते
| देश
में कोई भी मुद्दा चल रहा हो
| यहाँ फ़साना बनते देर नहीं लगती |
देश में कहीं असहिष्णुता हो
न हो फेसबुक पर जम कर दिखती
|
शायद मार्क जुकरबर्ग इस
थूकां थाकी से परेशां हो गए और बड़े बच्चों को व्यस्त करने के लिए एप पर एप बनाने
शुरू कर दिए
| फार्मूला
काम
, कर
गया कुछ लोग थूका थाकी छोड़ कर एपा एपी में व्यस्त हो गए
|
और क्यों न हो ?
ये एप आपके बारे में सब कुछ
जानते हैं
| शुरू
-शुरू तो फेस बुक ने कम हिम्मत दिखाई
| तब एप ऐसे आते थे …. आपके दोस्त आपके बारे में क्या सोचते हैं ,
आपके क्लोज फ्रेंड कौन हैं |
बस पब्लिक इसमें जरा सा
उलझी नहीं की फेसबुक के तो पर लग गए
| सीधा हमारे मन के बारे मैं भविष्यवाणियाँ करने लगे |
आप कितने प्रतिशत अच्छे हैं
| आप
के दिल का रंग कौन सा हैं
| हमें पक्का याद है इतना रट के गए थे क्लास २ में की दिल का
रंग चौक्लेटी लाल होता है
| पर क्लास में जाते जाते वो लाल कब हरे में बदल गया पता ही
नहीं चला
| हां
! इतना जरूर याद है टीचर ने मार -मार कर हाथ लाल कर दिया था
|
खुदा गवाह है सारी दुनिया
के अध्यापकों में क्रीऐतिविटी बिलकुल नहीं होती
| बस जो कह दिया सो कह दिया |
काश तब फेस बुक होता तो
रटने की जरूरत ही नहीं पड़ती लाल
, हरा नीला , पीला गुलाबी जो भी मन में आया लिख देते |
पास तो होना ही था |टीचर कुछ कहती तो झट से मोबाइल पर
फेस बुक खोल दिखा देते
|
अभी ऐसे ही एक दिन एक एप
बता रहा था
| आप
किसे जैसे दिखते हैं
| झट दबा दिया | खुदा की कसम हम तो ख़ुशी से झूम उठे जब फेस बुक ने बताया आप
धर्मेन्द्र की तरह दिखते है
| क्या जमाना हुआ करता था धर्मेन्द्र का |
बॉडी
शोडी ,
डोले -शोले |
हमारे तो पैर जमीन पर नहीं
टिक रहे थे
| लोग
लाइक पर लाइक लगा रहे थे
| और हम तुरंत ये खुशखबरी उसे बताने पहुँच गए जिसे हम लाइक
करते हैं
| उल्टा
सीधा न सोचिये
| हम
गए हमारी एक मात्र धर्मपत्नी के पास
| पहले तो हमें देख कर बुरा सा मुह बना कर बोली ,”
अभी तक नहाए नहीं ,
ऑफिस नहीं जाना है क्या ?
कह कर वो बर्तन धोने में
जुट गयी
| हमने
तरह -तरह के मुँह बना कर दिखाने की कोशिश की की वो हमारी तरफ देखे पर उन्हें नहीं
देखना था तो नहीं देखा
| आखिरकार हमने खुद ही बता दिया ,
जरा ध्यान से देखो फेस बुक
बता रहा है हमारी शक्ल धर्मेन्द्र से मिलती है
| पत्नी के हाथ से बर्तन छूट गया |
थोड़ी देर तक हमें निर्विकार
भाव से देखती रहीं फिर बोली
,” हां सच्ची ! मिलती तो है | पर तब के धर्मेन्द्र से नहीं अब के
धर्मेन्द्र से
| खुदा
गवाह है ४४० वोल्ट का झटका लगा
| हम आसमान से गिरे और खजूर पर भी अटकने को नहीं मिला |



जैसे दिल का गम मिटाने के
लिए शराबी शराब के पास दौड़ता है वैसे ही फेस्बुकिया फेसबुक के पास
|
हम भी तुरंत फेस बुक क शरण
में गए
| फेस
बुक ने हमें एप की बदौलत टाइम मैगजीन के कवर पर छापा
,
अखबार के पहले पन्ने पर
छापा
, मोदी
हमारे बारे में क्या सोचते हैं बताया
| पर मन का जख्म भरा नहीं | तभी हमारी नज़र एक और एप पर पड़ी |
आप पिछले जन्म में क्या थे ?
अब इस जन्म में तो
धर्मेन्द्र (अभी वाले ) से शक्ल मिला कर कोई इज्ज़त रही नहीं पिछला ही जान लें
|
बटन दबाते ही हम बल्लियों
उछ ल पड़े
| मतलब
ये की हम अपने मरने से १० साल पहले ही पैदा हो गए थे
|
हम क्लास में थे जब हमारे
मरने की खबर आई थी
| तब
पता होता तो सारे स्कूल को बताते
, की अदब से बात करो हम वो महा पुरुष हैं जिनकी इस समय सब
शौर्य गाथाएं गाने में लगे हैं
|



खैर वो तो अतीत हो गया | पर अगर फेस बुक की माने तो हम अभी कहीं पैदा
भी हो गए होंगे
| और हो सकता है जवान और खूबसूरत भी दिखते हों | अगर ऐसा एप आया तब बात करेंगे पत्नी जी से | देखो अभी हम
ऐसे दिखते हैं
| हमें विश्वास है की ऐसा एप जरूर आएगा | क्योंकि पिछला हो या अगला ये फेसबुक है
ये सब जानती है
|

सुबोध मिश्रा 

                                        

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