मेरा मशवरा है यही की तोड़ दो उसे
जिस आईने में ऐब अपने दिखाई न दें
कहती है मेरे साथ कब्र में भी जायेगी
इतना प्यार करती है मुझसे तन्हाई मेरी
शिकवे , गिले और साजिशों का , दौर जिंदगी |
न ये तेरी , न ये मेरी , हैं बस , खेल जिंदगी |
वो अपने फायदे की खातिर फिर आ मिले थे हमसे;
हम नादाँ समझे कि हमारी दुआओं में असर बहुत है!
सांसों के सिलसिले को न दो जिंदगी का नाम
जीने के बावजूद भी मर जाते हैं कुछ लोग
ये भी एक दुआ है खुदा से,
किसी का दिल न दुखी मेरी वज़ह से,
मेरी ये आदत नहीं किसी को हाले दिल सुनाऊ
पर तकलीफ बहुत मिलती है राजे दिल छुपाने से
एहसास अगर हो तो मोहोब्बत करो महसूस…
हर बात का इजहार जरूरी नहीं लब से….
हर बात का इजहार जरूरी नहीं लब से….
कभी पत्थर की ठोकरों से भी आती नहीं खराश
कभी जरा सी बत से इंसान बिखर जाता है
आँधियों में जो दिया जलता हुआ मिल जायेगा
उस दिए से पूँछना मेरा पता मिल जाएगा
कुछ चाहतों के दिए … कब के बूझ गए होते
कोई तो है जो हवाओं के पर कतरता है
मुझे खैरात में मिली खुशियाँ अच्छी नहीं लगती
मैं अपने गम में रहता हूँ नवाबों की तरह