सूखा




इलाके में लगातार तीसरे साल सूखा पडा है अब तो जमींदार के पास भी ब्याज पर देने के लिए रूपये नहीं रहे । जमींदार भी चिंतित है अगर बारिश न हुई तो रकम डूबनी तय है । अंतिम दांव समझकर जमींदार ने हरिद्वार से पंडित बुलवाकर बारिश हेतु हवन करवाया । दान दक्षिणा समेटते हुए पंडित ने टोटका बताया कोई गर्भवती स्त्री अगर नग्न होकर खेत में हल चलाये तो शर्तिया बारिश होगी ।
मुंशीजी को ऐसी स्त्री की तलाश का जिम्मा सौंपा गया । मुंशीजी ने गांव में घर घर घुमने के बदले सबको एकसाथ पंचायत बुलाकर समस्या और पंडित जी के द्वारा बताया निदान बताया और गुजारिश की सहयोग करने की ।


अभी पंचायत में खुसुर फुसुर चल ही रही थी की जमींदार साहब की नौकरानी दौड़ी दौड़ी आई ” मालिक नेग पांच सौ से कम न लूंगी आप दादा बनने वाले हैं बहुरानी के पांव भारी है । ”
खुशी से फुल गए जमींदार साहब मुंछ पर ताव देकर बोले ” आता हूं पंचायत का काम निबटाकर घर चल हजार दूंगा । ”
पंचायत में अचानक सन्नाटा छा गया सब जमींदार साहब को उम्मीद भरी नजरों से देख रहे थे, मानों बारिश उनकी तिजोरी में भरा रूपया हो ।
जमींदार इस खामोशी भरी नजरों का मतलब समझते ही उखड़ गये ” सब अंधविश्वास है ऐसा कहीं होता है बारिश तो प्रकृति के हाथ में है उस फरेबी पंडित की बात पर अपनी बहू बेटियों का अपमान क्यों करें । ”


कुमार गौरव



Leave a Comment