पर लेमार को केवल खूबसूरत चेहरे के लिए ही याद नहीं किया जाता |उन्होंने १९४२ में सीक्रेट कम्युनिकेशन सिस्टम के अपने आइडिया को पेटेंट कराया | जो आज मिलिटरी के प्राइवेट कम्युनिकेशन व् मोबाईल फोन की तकनीकी का आधार है | वह अपने मिलेट्री जानकारी के आधार पर द्वितीय विश्वयुद्ध में सैनिकों की मदद करना चाहती थी
|वास्तव में वह शत्रुओ के द्वारा रेडियो कंट्रोल मिसाइल के सिग्नल ब्लाक करने की समस्या को दूर करना छाती थी | अपने कंपोजर दोस्त जोर्ज अन्थीयेल की मदद से उन्होंने पता लगाया कि प्यानो की ध्वनि तरंगे किस तरह से काम कर सकती है जब जर्मन सब मैर्रिन रेडियो सिंग्नल को ब्लाक कर रहा हो |” फ्रीकेंसी होपिंग ” के उनके आइडिया को उस समय वैसे ही संदेह से देखा गया जैसे आज ” टाइम मशीन ‘ को देखा जाता है | पर बाद में उसी आइडिया पर विचार करते -करते व् सुधार करते -करते जी . पी .एस , ब्लू टूथ व् वाई -फाई का आविष्कार हुआ , जो आज सभी क्षेत्रों की तकनीकी की जान है |
सच का हौसला की टीम हेडी लेमार को उनके १०१ वे जन्म दिन पर हार्दिक अभिनन्दन करती है |जी हां एक ऐसी अभिनेत्री का जो अपनी प्रतिभा से न केवल होलीवुड में स्थापित हुई बल्कि उसने एक अभिनेत्री से एक अविष्कारक की यात्रा तय की | उसने हमें वो सिधांत या सूत्र दिए जिस तकनीकी रूप से परिमार्जन कर आज हमारे स्मार्ट फोन अस्तित्व में आये हैं |
२ ) समझौता और सहनशक्ति दो जादुई शब्द हैं | जिनको सीख कर दार्शनिक बनने में मुझे ४० साल लग गए |
३ )मेरी माँ मुझे सदा बदसूरत कहा करती थी | उस समय मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया | बाद में मुझे यह अहसास हुआ जब कोई आप को खूबसूरत अहसास कराता है तो साधारण से साधारण दिखने वाली लड़की भी खूबसूरत दिखने लगती हैं | यह जादुई असरदायक है |
४ ) सारे रचनात्मक लोग वो करना चाहते हैं जिसे करने की कोई उनसे उम्मीद ही न करता हो |
५ ) ज्यादातर लोग अमीर इसलिए नहीं हो पाते हैं क्योंकि वो पैसों को अपने काम सूपर रखते हैं | अगर वो काम को पैसों से ऊपर रखेंगे तो अवश्य पैसा उनका पीछा करेगा |