हमारी जिंदगी में हमारे विचारों का बहुत महत्व होता है | अक्सर आपने पढ़ा होगा कि हम जैसे विचार रखते हैं हम वैसे ही होते हैं | क्योंकि कुछ ख़ास विचार ही हमारी जिन्दगी का फोकस होते हैं | आइये पढ़ें …
Motivational hindi story- black dot par hi focus kyon ?
संदीप सर बड़े सख्त मिजाज़ थे | पर वो बच्चों को अपने सब्जेक्ट की बहुत तैयारी करवाते थे | जिससे कोई भी बच्चा पीछे न रहे | अक्सर वो दो दिन पहले टेस्ट अनाउंस कर देते थे | ताकि बच्चे खूब अच्छे से प्रीपेयर करें और आंसर सही लिखे | बच्चे भी उनकी इस इच्छा का ध्यान रखते थे | क्योंकि सख्त मिजाज़ होते हुए भी वो बच्चों को बहुत अच्छा पढ़ते थे | इसलिए उनके बीच बहुत लोकप्रिय भी थे |
पर आज संदीप सर ने क्लास में आते ही कह दिया की वो आज सरप्राइज़ टेस्ट लेंगे | सारे बच्चे सकते में आ गए | पर सर की बात तो माननी ही थी | सर ने सारे बच्चों के बीच test paper distribute कर दिए | पर ये क्या वो तो सादा कागज़ था | उसमें कोई प्रश्न ही नहीं था |
बस एक प्लेन वाइट पेपर पर बीच में एक छोटा सा ब्लैक डॉट था | अब बच्चे तो परेशान हो गए | जब टेस्ट पेपर में प्रश्न हैं ही नहीं तो वो लिखे क्या ?
एक बच्चे ने सीट से उठकर पूंछा सर ये तो खाली है | प्रश्न हैं ही नहीं तो हम लिखें क्या ?
संदीप सर बोले ,” क्या तुम्हें इसमें कुछ नहीं दिख रहा है |
बच्चा बोला ,” सर बस एक ब्लैक डॉट दिख रहा है |
संदीप सर बोले ब्लैक या वाइट तुम्हें जो भी , जैसा भी दिख रहा है उस पर पांच मिनट में कुछ लिखो और टेस्ट पेपर मुझे वापस करो | आज का टेस्ट यही है |
सारे बच्चे लिखने लगे | सारे बच्चों ने उस ब्लैक डॉट के ऊपर लिखा | पांच मिनट बाद कापियां संदीप सर के पास पहुँच गयीं |
कापियां देख कर संदीप सर बोले ,” तुम सब इसमें फेल हो गए | बच्चों के चेहरे उतर गए | सर ने फिर कहा ,” लेकिन मैंने ये टेस्ट नबर देने के लिए नहीं तुम्हारी पर्सनालिटी चेक करने के लिए दिया था | घबराओ नहीं इसके नंबर नहीं जुड़ेंगे |
बच्चों ने इत्मीनान की सांस ली | एक बच्चे ने खड़े होकर पूंछा ,” सर आप इस टेस्ट से क्या सिखाना चाहते थे |
संदीप सर ने कहा ,” मैं इस टेस्ट से यह चेक कर रहा था कि तुम्हारा फोकस कहाँ है | तुम सब लोगों ने इतने बड़े वाइट पेपर में सिर्फ ब्लैक डॉट को देखा | जबकि वो उस पेपर का केवल 1 % है | 99 % तो वाइट पेपर है | उस पर तुम लोगों का ध्यान नहीं गया | तुम्हारा सारा फोकस ब्लैक डॉट पर था | आखिर क्यों हम हमेशा कमी कोदेखते हैं | हमें पोजिटिव क्यों नहीं दिखता | क्यों हमारा फोकस वाइट पेपर पर न होकर ब्लैक डॉट पर होता है | शायद इसीलिए हम सब निराश रहते हैं |
बच्चों मैं आप सब को ये समझाना चाहता हूँ कि जिन्दी में दुःख हैं तकलीफें हैं परेशानियां हैं तो खुशियाँ भी हैं | आप उन पर फोकस करें | तब आप का दृष्टिकोण सकारात्मक होगा और आप सफल हो पायेंगे व जीवन में खुश रह पायेंगे |
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