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जीवन अनिश्चिताओं से भरा पड़ा है | ऐसे में हर कदम – कदम हमें निर्णय लेने पड़ते हैं | कुछ निर्णय इतने मामूली होते हैं की उन का हमारी आने वाली जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ता | पर कुछ निर्णय बड़े होते हैं | जो हमारे आने वाले समय को प्रभावित करते हैं | ऐसे समय में हमारे पास दो ही विकल्प होते हैं | या तो हम अपनी अंत : प्रेरणा की सुने | या दूसरों की राय का अनुसरण करें | जब हम दूसरों की राय का अनुकरण करते हैं तब हम कहीं न कहीं यह मान कर चलते हैं की दूसरा हमसे ज्यादा जानता है | इसी कारण अपनी ” गट फीलिंग ” को नज़र अंदाज़ कर देते हैं |
वो निर्णय जिनके परिणाम भविष्य के गर्त में छुपे हुए हैं | उनके बारे में कौन कह सकता है की क्या सही सिद्ध होगा क्या गलत |कौन कह सकता है की आज हम जिस बच्चे के कैरियर के लिए सलाह ले या दे रहे हैं उस पर आगे चल कर उसे सफलता मिलेगी ही, या जिस रिश्ते को बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं वो आगे चल कर बेहतर साबित होगा या आत्मघाती कदम साबित होगा , कोई नहीं जानता एक नौकरी या व्यवसाय को छोड़कर जब दूसरे में जा रहे हैं वो भविष्य में फलदायी साबित होगा या नहीं |
हम अपने जीवन के उतार – चढाव का बेहतर तरीके से तभी संचालन कर सकेंगे जब हम अपनी जिंदगी की गाडी के ड्राइवर की सीट पर बैठे हो | अलबत्ता अपने निर्णय पर कायम रहने के लिए जरूरी है की हममें स्टेयरिंग पकड़ने की हिम्मत हो |
वंदना बाजपेयी
प्रेम की ओवर डोज
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बदलाव किस हद तक
अहसासों का स्वाद