-रंगनाथ द्विवेदी।
तेरी सरिया मे शराब नहीं लेकिन———–
हम पीने वालो के लिये खराब नही लेकिन।
हम बाँट लेते है अक्सर नशे मे जूठन भी—–
यहाँ के पंडित और मियाँ का जवाब नही लेकिन,
तेरी सरिया मे शराब नही लेकिन।
ना वे गीता जानता है और न मै कुरान की आयत,
जबकि उसका घर मंदिर की तरफ है,
और मेरा घर मस्जिद की तरफ है,
हमारे लिये जुम़ा और मंगलवार एक सा है,
हम पीते है,किसी दिन का हमारे पास एै”रंग”—–
कोई हिसाब नही लेकिन।
तेरी सरिया मे शराब नही लेकिन,
हम पीने वालो के लिये खराब नही लेकिन—-
तेरी सरिया मे शराब नही लेकिन।
@@@रचयिता—-रंगनाथ द्विवेदी।
जज कालोनी,मियाँपुर
जौनपुर(उत्तर-प्रदेश)।