डॉ संगीता गांधी
” सर ,आतंकी हमले में 20 सैनिक मारे गए हैं ।अब कुछ कड़े कदम उठाने पड़ेंगे ।जनता बहुत आक्रोशित है ।”
ग्रह मंत्रालय के एक अधिकारी ने आकर सूचना दी ।
क्या करें ? “यदि कुछ एक्शन लेते हैं तो मानवाधिकार वाले शोर मचा देते हैं । विपक्षी तुरन्त सरकार पर एकपक्षीय होने का आरोप लगा देते हैं ।न्यायलय हाथ बांध देता है !”
सरकार बहुमत होते हुए भी लाचार सी है –मंत्री जी बोले ।
सर ,एक सैनिक की जान हर चीज़ से ऊपर है ।वो लोग कुछ भी करें ,हमें अब सख्त कदम उठाने ही होंगे ।मात्र ” कड़ी निंदा ” कर देने से काम नहीं चलेगा ।एक कहानी सुनिए फिर फ़ैसला कीजिये —–
महाभारत की एक कथा है । अभिमन्यु के बेटे थे परीक्षित उन्हें एक सांप काट लेता है। उनका पुत्र – जनमेजय सांपो के समूल विनाश के लिये यज्ञ करता हैं ।हर स्वाहा के साथ सांपो के झुंड हवनकुड में गिरते जाते थे ,अंत में सांपो का राजा बाकी रहा ।बताया गया वह इंद्र के सिहासन से लिपटा है ।जनमेजय ने कहा मंत्र पढो और तक्षक को इंद्र और उनके सिहासन सहित हवनकुंड में स्वाहा कराओ । ………..
तो दुश्मन का समूल विनाश जरूरी है ।मंत्री जी को दिशा मिल चुकी थी पर वे उस पर चलेंगे क्या ??
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