डॉ मधु त्रिवेदी
बाँध लेता प्यार सबको देश से
द्वेष से तो जंग का आसार है
द्वेष से तो जंग का आसार है
लांघ सीमा भंग करते शांति जो
नफरतों से वो जले अंगार है
नफरतों से वो जले अंगार है
होड़ ताकत को दिखाने की मची
इसलिये ही पास सब हथियार है
इसलिये ही पास सब हथियार है
सोच तुझको जब खुदा ने क्यों गढ़ा
पास उसके खास ही औजार है
पास उसके खास ही औजार है
जिन्दगी तेरी महक ऐसे गयी
जो तराशे इस जहाँ किरदार है
जो तराशे इस जहाँ किरदार है
शाम होते लौट घर को आ चला
बस यहाँ पर साथ ही में सार है
बस यहाँ पर साथ ही में सार है
हे मधुप बहला मुझे तू रोज यूँ
इस कली पर जो मुहब्बत हार है
इस कली पर जो मुहब्बत हार है
संक्षिप्त परिचय
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पूरा नाम : डॉ मधु त्रिवेदी
पदस्थ : शान्ति निकेतन कालेज आॅफ
बिजनेस मैनेजमेंट एण्ड कम्प्यूटर
साइंस आगरा
प्राचार्या,
पोस्ट ग्रेडुएट कालेज आगरा
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पूरा नाम : डॉ मधु त्रिवेदी
पदस्थ : शान्ति निकेतन कालेज आॅफ
बिजनेस मैनेजमेंट एण्ड कम्प्यूटर
साइंस आगरा
प्राचार्या,
पोस्ट ग्रेडुएट कालेज आगरा
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