जी.यस.टी. GST

रंगनाथ द्विवेदी।

लाख विरोध करे———
काग्रेंस,यस.पी.(SP),बी.यस.पी.(BSP),

लेकिन इस देश के आखिरी शख्स़़ के—–
हित मे है जी.यस.टी(GST)।
आओ हम सपोर्ट करे,
क्योंकि हमी तो खरीदते है——-


रोज आटा,चावल,घी, जी.यस.टी.(GST)।
बनिये,स्वर्णकार,व्यापार मंडल
की बंदी विरोध मजबूरी है,
ये फैंसी चोर है,
जिसने हमेशा कर चुरा के इस देश,
सरकार और आम आदमी की—–

गाढ़ी कमाई की क्षति बहुत की, जी.यस.टी.(GST)।
आओ हम सब एक स्वर-एक कर,
के पक्ष मे ध्वनिमत से कहे,

कि स्वागत है तुम्हारा—
मेरे देश में जी.यस.टी.(GST)



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