चंद्रेश कुमार छतलानी
शाम के धुंधलके में भी दूर पड़े अख़बार में रखे रोटी के टुकड़े
को उस भूखे लड़के ने देख लिया, वो दौड़ कर गया और अख़बार को उठा लिया|
को उस भूखे लड़के ने देख लिया, वो दौड़ कर गया और अख़बार को उठा लिया|
“ये मुझे दे…” उसमें
से वो रोटी निकालने लगा ही था कि एक सूटधारी आदमी ने उसे डांटते हुए
अखबार छीन लिया|
से वो रोटी निकालने लगा ही था कि एक सूटधारी आदमी ने उसे डांटते हुए
अखबार छीन लिया|
वो आदमी उस पर छपा समाचार पढने लगा, “हाल ही में चंद्रमा पर
सबसे पहले पहुंचने वाला पन्ना जिस पर नील आर्मस्ट्रांग के हस्ताक्षर भी हैं, डेढ़ लाख डालर में नीलाम
हुआ। इस पन्ने पर लिखा है- ‘एक शख्स का छोटा सा कदम, इंसानियत के लिए एक बड़ी
छलांग।‘
“
सबसे पहले पहुंचने वाला पन्ना जिस पर नील आर्मस्ट्रांग के हस्ताक्षर भी हैं, डेढ़ लाख डालर में नीलाम
हुआ। इस पन्ने पर लिखा है- ‘एक शख्स का छोटा सा कदम, इंसानियत के लिए एक बड़ी
छलांग।‘
“
”बहुत बढ़िया, ये हुई न बात!” कहता
हुआ वो आदमी बड़े-बड़े कदम भरता हुआ आगे बढ़ गया, लेकिन रोटी का टुकड़ा अख़बार
में से नीचे गिर गया था, जिसे कुत्ता उठा कर ले गया|
हुआ वो आदमी बड़े-बड़े कदम भरता हुआ आगे बढ़ गया, लेकिन रोटी का टुकड़ा अख़बार
में से नीचे गिर गया था, जिसे कुत्ता उठा कर ले गया|
उस भूखे लड़के ने पहले कुत्ते के मुंह में रोटी और फिर आसमान
से झांकते चंद्रमा के छोटे से टुकड़े की तरफ देखा, उसे चंद्रमा ऐसा लगा जैसे वो उस अमावस्या का
इंतजार कर रहा है जब धरती के सूखे पड़े दीपकों को भी रोशन होने का मौका मिलेगा|
से झांकते चंद्रमा के छोटे से टुकड़े की तरफ देखा, उसे चंद्रमा ऐसा लगा जैसे वो उस अमावस्या का
इंतजार कर रहा है जब धरती के सूखे पड़े दीपकों को भी रोशन होने का मौका मिलेगा|
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