इम्पोस्टर सिंड्रोम से ग्रस्त प्रसिद्द महिलाएं
आपको जान कर आश्चर्य होगा की अनेकों प्रसिद्द महिलाएं जिन्होंने अपने अपने क्षेत्रों में विशेष सफलता हासिल की वह इम्पोस्टर सिंड्रोम से ग्रस्त रहीं | उदाहरण के तौर पर माया एंजिलो , एमा वाटसन , मर्लिन मुनरों बेस्ट सेलिंग राइटर नील गेमैन ,जॉन ग्रीन आदि
इम्पोस्टर सिंड्रोम से ग्रस्त महिलाओं के खास लक्षण
जैसा की पहले बताया जा चुका है इम्पोस्टर सिंड्रोम ज्यादातर प्रतिभाशाली महिलाओ को होता है | इसके कुछ ख़ास लक्षण निम्न हैं |
कठोरतम परिश्रम
गिफ्टेड महिलाएं ज्यादातर कठोर परिश्रमी होती हैं | क्योंकि उन्हें लगता है की अगर वो कम परिश्रम करेंगी तो पकड़ी जायेंगी | इस कठोर परिश्रम के कारण उन्हें और ज्यादा सफलता व् तारीफे मिलती हैं जिससे वो पकडे जाने के भय से और डर जाती हैं फिर उस्ससे भी ज्यादा कठोर परिश्रम करने लगती हैं | वो सामान्य महिलाओं से दो –तीन गुना ज्यादा काम करती हैं | व् जरूरत से ज्यादा प्रिप्रेशन , जरूरत से ज्यादा सोचना , जरूरत से ज्यादा सतर्क रहती हैं | जिससे वो अक्सर एंग्जायटी व् नीद की कमी से ग्रस्त रहती हैं |
फेक व्यक्तित्व
इन महिलाओं को क्योंकि अपनी प्रतिभा पर भरोसा नहीं होता इसलिए जब उनके सुपिरियर्स या बॉस कुछ कहते हैं तो अपनी स्पष्ट राय न रख कर हाँ में हां मिला देती हैं | ऐसा नहीं है की उनमें निरनय लेने कीक्षमता नहीं होती पर उन्हें लगता हैं वो कभी सही नहीं हो सकती | इसलिए वो दूसरों की राय पर मोहर लगा देती हैं |पर यह बात उन्हें अन्दर ही अन्दर और फेक होने का अहसास कराती है |
ज्यादातर यह गिफ्टेड महिलाएं खूबसूरत होती हैं | इनका चरम दूसरे पर असर डालता है |अक्सर उन्हें उनकी प्रतिभा के साथ – साथ उनकी सुन्दरता के कारण भी तारीफे मिलती हैं | शुरू में तो इस बात का वह प्रतिरोध नहीं करती | परन्तु जब बाद में उनको ज्यादा प्रशंसा मिलने लगती है तो उन्हें लगने लगता है की अगला व्यक्ति उनकी सुन्दरता से प्रभावित है न की उनकी प्रतिभा से |लिहाजा उनका झूठी प्रतिभा की पोल खुल जाने का और भय और बढ़ जाता है |
अपने आत्मविश्वास का प्रदर्शन करने से बचती हैं
इम्पोस्टर सिंड्रोम से ग्रस्त महिलाएं अपने आत्मविश्वास का प्रदर्शन करने से बचती हंन | उन्हें लगता है अगर वो आत्म विश्वास का प्रदर्शन करेंगी तो लोग उनकी खामियां ढूँढने में जुट जायेंगे | व् उनका फेक होना पकड लेंगे व् उन्हें अस्वीकार कर देंगे | इसलिए वह अपने मन में यह धरनणा गहरे बैठा लेती हैं की वो इंटेलिजेंट नहीं हैं यह सफलता केवल उन्हें भाग्य के दम पर मिली है |
इम्पोस्टर सिंड्रोम का मेनेजमेंट
इम्पोस्टर सिंड्रोम का कोई ज्ञात बीमारी नहीं है यह केवल साइकोलोजिकल सिम्टम होते हैं जिन्हें मेनेज किया जा सकता है |
ध्यान –
इम्पोस्टर सिंड्रोम से बचने का सबसे सरल उपाय है ध्यान या मेडिटेशन | इसके द्वारा आप अपने विचारों पर कंट्रोल करना सीखते हैं | दरसल हमारी परेशानी का कारण हमारे विचार होते हैं | अपने विचारों पर नियंत्रण करके भय की फीलिंग से निकला जा सकता है |
अपने भय को जीतना सीखिए
११ किताबें लिखने के बाद भी मुझे लगता था की अब की बार पाठक मुझे पकड़ लेंगे | वह जान जायेंगे की मैं योग्य नहीं हूँ मैं उनके साथ गेम खेल रही हूँ |
माया एंजिलो ( अवार्ड विनिग राइटर )
इम्पोस्टर सिंड्रोम से ग्रस्त व्यक्ति अगर इस बात से भयभीत रहतें हैं की एक दिन उनका झूठ पकड़ा जाएगा | तो इससे निकलने का एक ही सर्वमान्य उपाय है | अपना आकलन खुद करें | जब भी स्टेज पर जाए यह सोचे यह भीड़ आपको सुनने के लिए आई है | अपने अन्दर गर्व महसूस करिए और अकेले में भी विजेता की तरह दिखिए ( बॉडी लेंगुएज से ) व् बोलिए जैसे भीड़ के सामने हो |
एक्सपर्ट बनिए
एक कॉपी निकाल कर लिखिए आप के लिए एक्सपर्ट का क्या मतलब है | क्या वो बेस्ट गायक हो , लेखक हो , नेता हो , या उसे अवार्ड मिले हों | फिर अपना मूल्याङ्कन करिए क्या आप के पास वो चीजे हैं ……….अवश्य होंगी | अगर आप निश्चय करतें है तो किताब लिखिए , गायन , अभिनय या जिस क्षेत्र में हों करिए | अवार्ड पाने के लिए नाम भेजिए | निश्चित ही आप को मिलेगा |
तारीफों को मन से ग्रहण करिए
अगर कोई कहता है आप आपने उसकी जिंदगी बदल दी है तो उस तारीफ़ को मन से ग्रहण करिए | रोज याद दिलाइये की आप अपने प्रति मीन मेंटेलिटी रखते हैं और आत्म निंदक हैं | जैसे कोई दूसरा हामारी बेवजह बुराई करता है तो हम दूरी बना लेते हैं वैसे ही जब ये विचार आये तो खुद से दूरी बना लीजिये |
और भी बहुत तरीके हैं जिनसे आप इस इम्पोस्टर सिंड्रोम से निकल सकतें हैं | पहले स्वीकार करिए की आप को यह रोग है फिर उससे बाहर निकलने के तरीके खोजिये |
वंदना बाजपेयी
यह भी पढ़ें ……..