अन्फ्रेंड

बेटे के चित्र के बगल का बिंदु कई घण्टों से हरा था ,परन्तु कई बार मैसेज करने के
बाद रिप्लाई नही आया था । स्क्रीन पर काफी समय से आँखे गड़ाये हुए अब उसका सिर भी
दुखने लगा था। 


तभी स्क्रीन पर एक मैसेज चमका ..”आई एम् फाइन ! आप लोग कैसे हो
? ” मैसेज पढ़ते ही बूढ़ी आँखों में चमक आ गयी थी । “सब ठीक है बेटा
। कितनी देर से मैसेज कर रहे है हम ..तू जवाब क्यूँ नही देता
?” काँपती हुई अँगुलियों से बड़ी
मुश्किल से ढूँढे हुए अक्षरों से लिख कर उसने सेण्ड बटन पूरे जोर से दबा दिया।
लम्बे इन्तजार के बाद स्क्रीन पर फिर कुछ शब्द चमके
  ” चिल डैड ! यू नो .आपका बेटा
सोशल नेटवर्किंग में बहुत पॉपुलर है
, सबको रिस्पॉन्स करना मुश्किल होता है
इसीलिए ना जाने कितने लोगो को तो रोज अन्फ्रेंड करना पड़ता है,आप भी जब देखो तब .|” 
” पर बेटा.. ” इतना ही लिख ही पाया था कि बेटे के
चित्र के बगल में “एक्टिव वन मिनट एगो..” लिखा दिखने लगा ।

लगता है इंटरनेट स्लो चल रहा है अभी.., तुम सो जाओ ।” पत्नी को सो
जाने को कहते हुए उसने अपने हिस्से आये बेटे के उन चन्द शब्दों को स्क्रीन पर कई
बार पढ़ा
, थक कर
काफी देर तक इधर-उधर करवट बदलता रहा
,  कहीं मुझे भी तो अन्फ्रेंड ….’ सोच कर हडबडा कर उठा और बेटे की
हजारों लोगों की फ्रेंडलिस्ट में अपना नाम ढूँढने लग
गया ।

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