हर आँगन में दीप जलायें



उजियारे से भरें दिशाएँ
हर आँगन में दीप जलायें
आओ दीपावली मनायें।।
गली-गली को  करें 
सुसज्जित
कोना-कोना करें
प्रकाशित
तारागण जिनसे शर्मायें
आओ दीपावली मनायें।।
अंतसतम को करें 
तिरोहित
नेह-शिखा को करें 
प्रसारित
आपस के मन-भेद मिटायें
आओ दीपावली मनायें।।
हर परिसर को करें 
सुवासित
शुभग कामना करें 
प्रचारित
रंगोली के रँग फैलायें
आओ दीपावली मनायें।।
झोपड़ियों में निर्धन
के हित
आनंदित क्षण करें 
समाहित
मधुर बोलियाँ मन हर्षायें
आओ दीपावली मनायें।।

 भवदीया 
भावना तिवारी



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