बाॅलीवुड———-
नरगिस और राज कपुर का अलगाव है,
गुरुदत्त की ख़ुदकुशी है,
तो घुट-घुट के दुनिया से विदा हुई——
मीना कुमारी के सीने का घाव है।
बाॅलीवुड———-
आँसू और ड्रामा है नही,
ये उस काका के आनंद का किरदार है,
जो बाबु मोशाय के बाद——–
एक तन्हा कोठरी में तड़पता और घुटता,
एक शराबी———
की पिड़ाओ का गैंग्रीनी पाँव है।
बाॅलीवुड———-
वे परवीन बाॅबी है जिसे कई महेश भट्ट ने चाहा जरुर,
पर तन्हा छोड़ दिया!
वे डिप्रेस्ड बंद कमरे में छ दिनो तलक,
मरी पड़ी रही बीना किसी वारिस के,
सच तो ये है कि बाॅलीवुड——-
एक औरत की अधुरी ख्वा़हिशो का,
वही परवीन बाॅबी वाली सडी लाश की तरह,
अपने बिस्तर पर पड़ी———-
एक बेवा बिखराव है।
@@@रचयिता—–रंगनाथ द्विवेदी।
जज कालोनी,मियाँपुर
जौनपुर