फोटो क्रेडिट –विकिमीडिया कॉमन्स
ईश्वर से शिकायतें करना सबसे आसान काम है | हम सब इसे बड़ी कुशला से |
“सब कुछ संभव है” ……
पैर नहीं थे | डॉक्टरों ने जन्म के समय उन्हें वेजिटेटिव घोषित कर दिया था |अपने
छोटे से पैर और दो अँगुलियों के बल पर तन और मन की जंग जीतने वाले निक आज एक सफल मोटिवेशनल स्पीकर हैं | उनकी
कहानी है कठिन संघर्ष पर महान विजय की | आज हम “ a man without limbs “ प्रेरणा दायक कहानी
आप के साथ साझा कर रहे हैं जो आपको सोंचने पर विवश कर देगी …
चमत्कार आसमानी
खुदाओं की जादुई छड़ी से नहीं अपनी इच्छा शक्ति पर निर्भर होते हैं |
आइये जानते हैं बिना हाथ पैरों वाले निक व्युजेसिक के बारे में
है |निक उनका “ निक नेम है | उनका जन्म 4 दीसंबर 1982 को ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न
शहर में हुआ था | निक की माँ का नाम दुशांका व् पिता का नाम बोरिस्लाव व्युजेसिक
है | निक के माता – पिता सर्बिया के मूल निवासी थे | वो ऑस्ट्रेलिया में आ कर बस
गए थे | उनके पिता अकाउंटेंट व् माँ
हॉस्पिटल में नर्स का काम करती थी | निक के जन्म से पहले उसकी माँ भी वैसे ही
उत्त्साहित थीं जैसे कोई सामान्य माँ होती है | परन्तु निक का जन्म एक सामान्य
बच्चे की तरह नहीं हुआ | वो टेट्रा अमेलिया सिंड्रोम से पीड़ित थे | टेट्रा एमिलिया
सिंड्रोम एक ग्रीक शब्द है जहाँ टेट्रा का अर्थ चार व् एमिलिया का अर्थ एब्सेंस ऑफ़
आर्म्स है | ये एक बहुत रेयर डिसीज है | जिस कारण उनके उनके हाथ पैर थे ही नहीं | जन्म
के समय निक के एक पैर में कुछ जुडी हुई अंगुलियाँ थीं | इस बिमारी के साथ पैदाहुए
ज्यादातर बच्चे स्टील बोर्न पैदा होते हैं या जन्म के कुछ समय बाद ही मर जाते हैं
|
मानसिक रूप से तैयार करने के लिए उन्होंने उसे एकदम से देखने भी नहीं दिया | वो
बहुत निराश हुई हालंकि बाद में उसके माता – पिता सामान्य हो गए | डॉक्टर्स ने निक
की जुडी हुई अंगुलियाँ अलग – अलग करने के लिए ओपरेशन किया ताकि निक उनसे चीजों को
पकड़ सके व् उनका इस्तेमाल हाथ की अँगुलियों की तरह कर सके |
निक व्युजेसिक का प्रारंभिक
निराशा से भरा जीवन
से पहले दिव्यांग बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ नहीं पढने दिया जाता था |
परन्तु निक के समय में कानून में परिवर्तन हुआ और निक उन शुरूआती बच्चों में रहे
जो सामान्य बच्चों के साथ स्कूल में पढ़ सकते थे |क्योंकि उनकी माँ की इच्छा थी की
निक जीवन को सामान्य नज़रिए से ही देखें |
हालांकि निक का स्कूली जीवन
सामान्य नहीं था | बिना हाथ – पैर वाले बच्चे को देखकर सारे बच्चे उनका मजाक उड़ाते
| जिस से मासूम निक अवसाद में घिर गए | उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की और एक बार
बाथ टब में खुद को डुबाने का भी प्रयास
किया | पर अपने माता – पिता के प्रेम को देख कर बाद में उन्होंने आत्महत्या का
प्रयास छोड़ दिया | और जीवन का संघर्ष करने का मन बनाया |
वीडियो “ समथिंग मोर “अपने बचपन के दर्द का वर्णन किया हैं | निक शुरू से काफी
आस्थावान रहे हैं | वो ईश्वर से रोज प्रार्थना करते थे कि उनके हाथ पैर उग आये |
एक बार तो उन्होंने ईश्वर को अल्टीमेटम भी दे दिया कि अगर वो उनके हाथ पैर नहीं
उगायेंगे तो वो ज्यादा दिन तक उनकी पूजा नहीं कर पायेंगे | हालांकि निक अब कहते
हैं की ईश्वर को उन्हें कुछ ख़ास देना था इसलिए वो उनकी प्रार्थनाओं को अनसुना कर
रहे थे |इसकी शुरुआत उन्होंने उस दिन करी जब उनकी माँ ने उन्हें न्यूज़ पेपर का एक
आर्टिकल पढवाया | वो एक ऐसे दिव्यांग व्यक्ति के बारे में था जो अपने जीवन से शारीरिक
रूप से लड़ रहा था परन्तु हार नहीं मानी और
मानसिक शक्ति के बल पर सफलताएं अर्जित की | इस लेख ने निक को बहुत प्ररणा दी |
उन्हें लगा की जिन्दगी भर अपने अभावों पर रोने के स्थान पर अपने इसी शरीर के साथ
भी कुछ अच्छा कर सकते हैं | ऐसा करके वो बहुतों को प्रेरणा भी दे सकते हैं | उनका
कहना था …
अगर आप के साथ
चमत्कार नहीं हो सकता तो खुद चमत्कार बन जाइए |
असंभव को संभव करती निक की
जिंदगी की लड़ाई
दिया | निक ने अपनी दो अँगुलियों से वो सब कुछ करना सीखा जो एक सामान्य व्यक्ति
करता है | इसकी शुरुआत उन्होंने छोटी सी उम्र में तैराकी सीखने से की | उन्होंने
दो नन्हीं अँगुलियों की मदद से चम्मच पकड़ना व् टाइपिंग करना सीखा | विशेषज्ञों की
मदद से उनके लिए एक ऐसी चीज बनवाई गयी जिसे वो अपनी अँगुलियों में पहन कर आसानी से
लिख सकते थे |आप को जान कर आश्चर्य होगा की निक अपनी दो अँगुलियों के सहारे न
सिर्फ पढ़ – लिख सकते हैं बल्कि फुटबॉल ,गोल्फ खेल सकते हैं , मछली पकड़ सकते हैं ,
स्काई डाइविंग कर सकते हैं , यहाँ तक की ड्रम भी बजा सकते हैं |सबसे आश्चर्य की
बात है की वो मुंह से गेयर बदल कर कार भी चला सकते हैं |
यूँ चला निक की विजय
का रथ
कुछ करने की ठान ली तो उन्होंने पीछे मुड कर नहीं देखा | १९ साल की उम्र में ही
निक ने एक प्रेरक वक्ता के रूप में काम करना शुरू किया | उन्होंने मुख्य रूप से
बच्चों व् युवाओं को संबोधित किया |
निक ने एकाउंटिंग व् फाईनेंस से ग्रेजुऐशन किया |
के रूपमें निक ने लगभग ६० देशों की यात्रा की | सभी लोग उनके विचारों से प्रभावित
होते थे | 2005 में उन्होंने एक एन .जी . ओ की स्थापना की “ life without limbs .”जिसका
मुख्य कार्यालय कैलिफोर्निया में है |
हो सकता है आपको कोई रास्ता दिखाई न पड़े लेकिन इसका मतलब ये नन्हीं है कि वो वहां है ही नहीं
डोक्युमेंट्री मूवी की DVD रिलीज की जिसका शीर्षक था …life;s greater purpose” .
इसमें उन्होंने अपने जीवन के बारे में सीखने में आई तकलीफों व् उनपर विजय के बारे
में व् अपने विवाहित जीवन के बारे में बताया है |
20/20 टेलीविजन सेरिज में वो टीवी पर आये जहाँ उनका विशेष इंटरव्यू प्रसारित हुआ |
फिल्म में आये जिसका नाम था ..”The butterfly circus”इस फिल्म को काफी सराहना मिले
व् कई अवार्ड्स भी मिले |
किताब लिखी “ Life
without limits : inspiration for ridiculously good life “थोड़े समय बाद उन्होंने एक DVD भी रिलीज की Biography of a determined man of
faith “ जिसने लोगों को बहुत प्रभावित किया
निक की पर्सनल
जिंदगी
कैलिफोर्निया में रह रहे हैं | उनकी पत्नी का नाम kannae miyahara है | जो टक्सास
के जैपनीज पिता व् मेक्सिकन माँ की संतान हैं | वो स्वयं भी मेक्सिको में पैदा हुई
है | उनकी पत्नी ने पहली बार उन्हें मोटिवेशनल स्पीच में सुना था | जिससे वो निक
से प्रभावित हुई और फरवरी २०१२ में दोनों ने शादी कर ली |
जरा सी असफलताएं हमें तोड़ देती हैं पर निक ने जिसका जन्म ही सामान्य नहीं हुआ सफल
हो कर अदम्य इच्छा शक्ति का परिचय दिया | वो निक जो कभी अपने स्कूल में सबके मजाक
का पात्र बनता था वो आज लोगों को प्रेरणा देने वाला व्यक्ति बन गया है | आज उसके
आने की हलकी सी खबर पाते ही उसे सुनने के लिए लाखों लोगों की भीड़ जमा हो जाती है
|अपनि कमजोरी को अपनी शक्ति में बदल देने वाली निक का जीवन हमें बार – बार अहसास
करता है …
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