लघुकथा साहित्य की वो विधा है जिसमें कम शब्दों में अपनी बात को कहा जाता है | यह साहित्य की बहुत लोकप्रिय विधा है | लघुकथा पत्रिका क्षितिज जो 1983 से प्रकाशित हो रही है ने 2018 से हर वर्ष दो बड़े सम्मान देने की घोषणा की है | प्रस्तुत है पहले सम्मान समारोह की विस्तृत रिपोर्ट …
पहला” क्षितिज लघुकथा समग्र
सम्मान2018,” उज्जैन के लघुकथाकार श्री संतोष सुपेकर को प्रदान
नव वर्ष के स्वागत में मकर सक्रांति
के अवसर पर रविवार दिनांक 14 जनवरी 2018 की शाम को क्षितिज संस्था द्वारा एक रचना पाठ संगोष्ठी का आयोजन डॉ वसुधा
गाडगिल के निवास पर इंदौर में किया गया।
के अवसर पर रविवार दिनांक 14 जनवरी 2018 की शाम को क्षितिज संस्था द्वारा एक रचना पाठ संगोष्ठी का आयोजन डॉ वसुधा
गाडगिल के निवास पर इंदौर में किया गया।
इस आयोजन की अध्यक्षता वरिष्ठ
साहित्यकार एवम रंगकर्मी श्री नंदकिशोर बर्वे ने की।
साहित्यकार एवम रंगकर्मी श्री नंदकिशोर बर्वे ने की।
कार्यक्रम में ‘क्षितिज ‘ संस्था द्वारा वर्ष
2018 से शुरू किए गए
‘लघुकथा समग्र सम्मान‘ को इस वर्ष के लिए
लघुकथाकार श्री संतोष सुपेकर (उज्जैन) को , लघुकथा के क्षेत्र में उनके
महत्वपूर्ण योगदान के लिये प्रदान कर सम्मानित किया गया। संस्था अध्यक्ष श्री सतीश
राठी उपाध्यक्ष डॉ अखिलेश शर्मा ,
सचिव अशोक शर्मा तथा आगत अतिथियों ने
शाल,श्रीफल से सम्मानित कर सम्मान पत्र (मोमेंटो) प्रदान
किया।सम्मान पत्र का वाचन संस्था सचिव श्री अशोक शर्मा भारती ने किया।संस्था
अध्यक्ष द्वारा इस वर्ष में किये जाने वाले विविध आयोजनों की जानकारी दी गई।
2018 से शुरू किए गए
‘लघुकथा समग्र सम्मान‘ को इस वर्ष के लिए
लघुकथाकार श्री संतोष सुपेकर (उज्जैन) को , लघुकथा के क्षेत्र में उनके
महत्वपूर्ण योगदान के लिये प्रदान कर सम्मानित किया गया। संस्था अध्यक्ष श्री सतीश
राठी उपाध्यक्ष डॉ अखिलेश शर्मा ,
सचिव अशोक शर्मा तथा आगत अतिथियों ने
शाल,श्रीफल से सम्मानित कर सम्मान पत्र (मोमेंटो) प्रदान
किया।सम्मान पत्र का वाचन संस्था सचिव श्री अशोक शर्मा भारती ने किया।संस्था
अध्यक्ष द्वारा इस वर्ष में किये जाने वाले विविध आयोजनों की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में सर्वश्री पुरुषोत्तम
दुबे ,ब्रजेश कानूनगो,डॉ पदमा सिंह,
सतीश राठी ,अशोक शर्मा भारती ,रश्मी वागले, वसुधा गाडगिल ,विनीता शर्मा , डॉ अखिलेश शर्मा, जितेन्द्र गुप्ता, बी .आर. रामटेके,आशा वडनेरे, वैजयंती दाते, डॉ रमेशचंद्र, राममूरत राही, आभा निवसरकर, आदि ने अपनी रचनाओं
का पाठ किया।
दुबे ,ब्रजेश कानूनगो,डॉ पदमा सिंह,
सतीश राठी ,अशोक शर्मा भारती ,रश्मी वागले, वसुधा गाडगिल ,विनीता शर्मा , डॉ अखिलेश शर्मा, जितेन्द्र गुप्ता, बी .आर. रामटेके,आशा वडनेरे, वैजयंती दाते, डॉ रमेशचंद्र, राममूरत राही, आभा निवसरकर, आदि ने अपनी रचनाओं
का पाठ किया।
पढ़ी गई रचनाओं पर अश्विनी कुमार दुबे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि –
लघुकथा अधिक से
अधिक बात को थोडे़ में कहने की विधा है जिसके साथ इस गोष्ठी में न्याय हुआ है।
आपने सभी लघुकथाओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए उनमें निहित सार्थक संदेश और
सकारात्मकता की सराहना की। सुश्री कविता वर्मा ने भी रचना पाठ की समीक्षा करते हुए
लघुकथा पर चर्चा को जरूरी बताते हुए इंदौर के लघुकथाकारों द्वारा देश में नाम और
सम्मान पाने के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की। आपने लघुकथाओं की समालोचना करते हुए
उनके बिंब और प्रतीकों में अंतर्निहित अर्थ की विवेचना की।
सकारात्मकता की सराहना की। सुश्री कविता वर्मा ने भी रचना पाठ की समीक्षा करते हुए
लघुकथा पर चर्चा को जरूरी बताते हुए इंदौर के लघुकथाकारों द्वारा देश में नाम और
सम्मान पाने के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की। आपने लघुकथाओं की समालोचना करते हुए
उनके बिंब और प्रतीकों में अंतर्निहित अर्थ की विवेचना की।
क्षितिज लघुकथा समग्र सम्मान 2018 ,से सम्मानित श्री संतोष सुपेकर का वक्तव्य
क्षितिज लघुकथा समग्र सम्मान 2018 ,से सम्मानित श्री
संतोष सुपेकर ने अपने वक्तव्य में कहा कि, लघुकथा की टोकरी भर मिट्टी की सोंधी
सोंधी महक विश्व स्तर पर विकसित हो रही है। इस नन्ही सी उर्वरा से उपजे विचार ने
कहानी ,व्यंग्य ,उपन्यास जैसे वटवृक्षों को जन्म दिया है। इसके साथ ही उन्होंने
अपनी कुछ लघुकथाओं और कविताओं का पाठ भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए
वरिष्ठ रंगकर्मी एवम साहित्यकार नंदकिशोर बर्वे ने कहा कि, लघुकथा में इतनी
ताकत होती है कि वह बड़ी से बड़ी बात को अपने छोटे स्वरुप में बड़े ही तीखे तरीके
से संप्रेषित कर देती है।
संतोष सुपेकर ने अपने वक्तव्य में कहा कि, लघुकथा की टोकरी भर मिट्टी की सोंधी
सोंधी महक विश्व स्तर पर विकसित हो रही है। इस नन्ही सी उर्वरा से उपजे विचार ने
कहानी ,व्यंग्य ,उपन्यास जैसे वटवृक्षों को जन्म दिया है। इसके साथ ही उन्होंने
अपनी कुछ लघुकथाओं और कविताओं का पाठ भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए
वरिष्ठ रंगकर्मी एवम साहित्यकार नंदकिशोर बर्वे ने कहा कि, लघुकथा में इतनी
ताकत होती है कि वह बड़ी से बड़ी बात को अपने छोटे स्वरुप में बड़े ही तीखे तरीके
से संप्रेषित कर देती है।
2018 से हो रही है लघुकथा सम्मानों की शुरुआत
श्री सतीश राठी ने बताया कि , क्षितिज‘ संस्था द्वारा
लघुकथा पत्रिका क्षितिज का वर्ष 1983
से सतत प्रकाशन किया जा रहा है, और इस वर्ष से
प्रतिवर्ष दो बड़े लघुकथा सम्मानों की शुरुआत की जा रही है और इसके अलावा, दो दिवसीय बड़े
लघुकथा आयोजन की योजना भी बनाई जा रही है। श्री अखिलेश शर्मा ने वर्ष 2018 के लिए नई
कार्यकारिणी की जानकारी भी दी।
लघुकथा पत्रिका क्षितिज का वर्ष 1983
से सतत प्रकाशन किया जा रहा है, और इस वर्ष से
प्रतिवर्ष दो बड़े लघुकथा सम्मानों की शुरुआत की जा रही है और इसके अलावा, दो दिवसीय बड़े
लघुकथा आयोजन की योजना भी बनाई जा रही है। श्री अखिलेश शर्मा ने वर्ष 2018 के लिए नई
कार्यकारिणी की जानकारी भी दी।
कॉर्यक्रम का संचालन सुश्री वसुधा
गाडगिल ने किया और आभार प्रदर्शन श्री विष्णु गाडगिल ने किया।
गाडगिल ने किया और आभार प्रदर्शन श्री विष्णु गाडगिल ने किया।
रिपोर्ट
क्षितिज संस्था
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बधाई संतोष जी को …
बहुत ही बढ़िया लघुकथा विधा पर चर्चा एवं क्षितिज लघुकथा सम्मान – 2018 संतोष सुपेकर को प्रदान किये जाने पर आपकी विस्तृत समीक्षात्मक रपट का | हार्दिक आभार |
अशोक शर्मा " भारती "