शब्दों को हमारे जीवन में बहुत महत्व हैं| हम अपने विचार , भावनाएं , इच्छायें सब शब्दों के माध्यम से ही तो व्यक्त करते हैं | शब्दों से ही रिश्ते बनते हैं , बिगड़ते हैं | कई बार कोई हमें एक चाटा मार दे वो हम भूल जाते हैं , पर अगर किसी ने अपने शब्दों से जो हमारा दिल दुखाया होता है उसे हम जीवन भर नहीं भूलते| शब्दों का प्रभाव बहुत गहरा होता है |
हमारे शास्त्रों में शब्दों को ब्रह्म भी कहा गया है | क्या आपने ऐसा सोचा है कि क्यों? क्योंकि शब्दों का हमारे जीवन पर गहरा असर होता है| उन शब्दों का जो हम बोलते हैं सुनते हैं हमारे ऊपर बहुत प्रभाव पड़ता है | परन्तु उन शब्दों का हम पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है जो हम खुद से बोलते हैं | ये ही हमारे रिश्ते सफलता , ख़ुशी शांति या अशांति का सबसे बड़ा कारण बनते हैं | यूँ तो शब्दों जीवन के हर क्षेत्र में व्यापक प्रभाव है | पर आज मैं शब्दों के आपकी Success से संबंध बताऊँगी | जिसके बाद आप अपने Words पर जरूर ध्यान देने लगेंगे |
सफलता और शब्दों की शक्ति /How to use power of words(in Hindi)
अब जरा रोजाना इस्तेमाल किये जाने वाले अपने WORDS पर गौर करके देखिये कि आप अपने जीवन में किन शब्दों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं .. जैसे ..
- मेरी जिंदगी में बहुत मुश्किलें हैं |
- मेरी LIFE में कभी कुछ अच्छा होता नहीं
- मेरा तो नसीब ही खोटा है |
- मैं तो ऊपर से लिखवा के आया ? आई हूँ की सोने में भी में हाथ डालूँगा वो मिटटी हो जाएगा |
- पता नहीं भगवान् ने किस कलम से मेरा भाग्य लिखा है |
- या new generation के words… झंड लगी है , डब्बा गोल है , आदि |
अगर आप भी बार- बार ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल करते हैं | तो निश्चित रूप से आपके जीवन में सफलता के मौके दूर से की सलाम कर लेते होंगे | सफलता के अलावा जो लोग ऐसे शब्द बार -बार बोलते हैं उनके ज्यादा दोस्त नहीं होते| सबके जीवन में सौ परेशानियां होती हैं | किसके पास इतना समय है कि वो दर्द भरी कहानी सुने | यानि रिश्तों से भी गए और सफलता से भी तो ख़ुशी तो दूर हो ही गयी | इन सब के पीछे अगर किसी का हाथ है तो वो है शब्द |
क्या है शब्दों के मन पर पड़ने वाले प्रभाव का विज्ञान
इन NEGATIVE शब्दों का हमारे मन पर बहुत प्रभाव पड़ने का कारण हमारा तंत्रिका तंत्र है | दरअसल हमारे दिमाग में एक छोटा सा हिस्सा होता है | जिसे AMYGDALA कहते हैं | देखने में तो ये बादाम जैसा होता है | पर एक भी नेगेटिव शब्द से ये एक्टिवेट हो जाता है और तुरंत ही स्ट्रेस हरमोंन रिलीज करने लगता है| जिसका असर हमारी भावनाओं पर , मन पर और पूरे शरीर पर पड़ता है | आप किसी इंसान को देख कर ही पता लगा सकते हैं कि वो STRESS में है | क्योंकि स्ट्रेस में आते ही शरीर ढीला पड़ जाता हैं ,कंधे झुक जाते हैं और सोंचने समझने की शक्ति भी कम हो जाती है | अगर सही शब्दों में कहें तो हमारा मन व् शरीर दोनों नेगेटिव हो जाते हैं | जब आप इस मानसिक स्थिति में किसी से बात करते हों , कोई इंटरव्यू दे रहे हों , या कोई मनपसंद फिल्म ही क्यों न देखते हो … कुछ भी अच्छा नहीं लगता , कुछ भी अच्छा नहीं होता |
उसके विपरीत POSITIVE WORDS हमें स्ट्रेस फ्री करते हैं , हमारे आत्मविश्वास को बढाते हैं | हम सब जानते है की सफलता आत्मविश्वास से मिलती है| दो STUDENTS जिन्हें बराबर ज्ञान हो इंटरव्यू देने जाएँ तो वही बच्चा सेलेक्ट होगा जिसका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ हो , जिसका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ होता है वो छोटी- छोटी बातों को माइंड नहीं करता , जिस कारण उसके रिश्ते अच्छे चलते हैं , और इसी कारण वो खुश रहता है | इसलिए जरूरी है की हम नकारात्मक शब्दों से दूर रहे |
सफलता चाहिए तो शब्दों को बदलें
अगर आप अपने ऊपर इतने सारे निगेटिव शब्दों का भार लिए चलेंगे तो सफलता हमेशा आपसे दो कदम दूर रहेगी | इसलिए अपने शब्दों को बदलें , जैसे …(लाल रंग में दिखाया है )
- मेरी जिंदगी में बहुत मुश्किलें हैं / मेरी जिंदगी में सीखने के बहुत मौके हैं |
- मेरी LIFE में कभी कुछ अच्छा होता नहीं/ मेरी लाइफ खुद को प्रूफ करने का बार- बार मौका देती है |
- मेरा तो नसीब ही खोटा है / हर सुबह के साथ नसीब बदलता है|
- मैं तो ऊपर से लिखवा के आया ? आई हूँ कि सोने में भी में हाथ डालूँगा वो मिटटी हो जाएगा / पिछली गलतियां सबक हैं , मैंने इतना सीख लिया है कि अब असफलता असंभव है |
- पता नहीं भगवान् ने किस कलम से मेरा भाग्य लिखा है / मैं अपनी तकदीर खुद लिखता हूँ |
- या new generation के words… झंड लगी है , डब्बा गोल है , आदि / जिन्दगी खूबसूरत है |
- काश , सकता या चाहता / ऐसा ही होगा |
शब्द बदलने से कैसे मिलेगी सफलता
क्या आप अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान रखते हैं
कैसे न्यू इयर रेसोल्युशन निभाने में मिले सफलता
इसलिए शब्दों को अभिव्यक्ति का माध्यम कहा जाता है …
शब्द भावों का प्रगटीकरण हैं … अच्छा आलेख …