गुलाब का बगीचा

                                               

गुलाब का बगीचा

 जो भी है बस यही एक पल है| आज  यानि PRESENT , जानते हैं इसे PRESENT क्यों कहा जाता है ? क्योंकि हर आज ईश्वर का दिया हुआ एक खूबसूरत तोहफा है | पर हम अक्सर PASTकी यादों या FUTURE की चिंता में इतना खोये रहते हैं की कि ईश्वर  के दिए इस PRESENT को सही तरीके से नहीं जी पाते | आइये पढ़े , इसी विषय पर एक खूबसूरत प्रेरक कथा |

 Hindi Motivational story on Power of now

एक बार की बात है एक आदमी एक संत के पास गया और बोला , ” संत जी , मैं बहुत मुश्किल में हूँ , मेरी जिंदगी में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है | जो सोंचता हूँ वो होता नहीं , वो मिलता है जो चाहता नहीं | मैं रोज प्लान बनाता हूँ पर हर दिन गलत ही बीतता है | मेरी मर्जी के विपरीत बीतता है | कुछ ऐसा उपाय कर दीजिये कि मेरा भविष्य अच्छा हो जाए |

संत ने उसकी बात सुनी और कहा ,” देखो मैं समझ सकता हूँ की तुम्हारी जिन्दगी में कुछ भी अच्छा नहीं बीत रहा , हर बात विपरीत हो रही है इसलिए स्वाभाविक है कि तुम चाहते हो कि भविष्य में तुम खुश रह सको | तो चिंता करने की कोई बात नहीं है , मैं उसके लिए एक छोटी सी पूजा कर देता हूँ |  वो देखो सामने गुलाब का बगीचा है उसमें से जाकर सबसे खिला हुआ फूल ले आओ , पर याद रखना तुम्हें  जो फूल दिखे उसे ही लेना है , वापस पलट कर  फूल नहीं लेना है |

वो आदमी बहुत खुश हुआ उसने सोंचा , बस इतनी सी बात , मैं सबसे खूबसूरत व् खिला हुआ फूल ले कर आऊंगा |

वो बगीचे में  आगे की और चल पड़ा | बगीचे में बहुत सुन्दर फूल खिले हुए थे | उसने उन फूलों को देखा , पर उसे लगा शायद इससे भी अच्छा फूल आगे मिल जाए | इसलिए वो आगे बढ़ता गया … बढ़ता गया और अच्छे फूलों को छोड़ता गया ….पर ये क्या आगे जाने पर तो फूल मुरझाये से थे , वो तो पूरे खिले भी नहीं थे | उस आदमी को बहुत दुःख हुआ पर पीछे मुड़ के तो फूल तोड़ नहीं सकता था , इसलिए जैसा भी फूल मिला ले लिया |

जब वो संत के पास  पहुँचा तो बड़े ही निराश मन से उसने वो मुरझाया हुआ फूल संत को देते हुए कहा ,” मैं सबसे ज्यादा खिले हुए फूल की तलाश में आगे बढ़ता रहा … बढ़ता रहा , पर आगे के फूल तो सब मुरझाये हुए थे | निराश हो कर मुझे यही मुरझाया फूल लाना पड़ा | आप इसी से पूजा कर दीजिये |”

संत बोले ,  ” कैसी पूजा , ये तो मैंने तुम्हें समझाने के लियी किया था | सुबह तुम जिंदगी से शिकायत कर रहे थे , तुम्हारे  जीवन में ये अच्छा नहीं है , वो अच्छा नहीं है … आगे शायद ये बदल जाए , वो बदल जाए तो अच्छा लगे |

ये जिंदगी गुलाब के फूलों का बगीचा ही तो है |  अपनी जिन्दगी में भी तुम किसी सबसे खिले फूल की तलाश में लगे हो , और अभी के उनसब फूलों को छोड़ रहे हो |  जानते हो जिन्दगी के बगीचे के ये फूल छोटी- छोटी खुशियाँ हैं , जिनका आनंद तुम अभी ले सकते हो | अभी तुम्हारे माता – पिता तुम्हारे साथ हैं , उनका स्नेह ले सकते हो , बच्चों को स्नेह दे सकते हो , उनकी शरारतों का आनंद ले सकते हो , शरीर स्वस्थ है तो अच्छा खा और पहन सकते हो … परन्तु ये सब करते हुए तुम आनंद नहीं ले रहे , किसी बड़ी ख़ुशी की तालाश में इन्हें छोड़ रहे हो | आगे जाने पर अपनी गलती का अहसास होगा फिर मुझाये फूलों के आलावा हाथ में कुछ नहीं रहेगा |

                     मित्रों क्या हम सब उस व्यक्ति की तरह , आज की खुशियों को छोड़ भविष्य की किसी बड़ी ख़ुशी की छह में चिंतित नहीं रहते हैं | क्या ये जरूरी नहीं की जिंदगी गुलाब के फूलों का बगीचा है और हमें आज के फूलों को और आज की खुशियों को ही चुनना चाहिए |

टीम ABC

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