मित्रों , हो सकता है की लेख का टॉपिक देख कर आप को टेंशन हो गया हो , आप
की त्योरियां थोड़ी चढ़ गयी हो | वो क्या है ना टेंशन बड़ा संक्रामक होता है | इसलिए सावधान हो जाइए क्योंकि आज मैं टेंशन की नहीं टेंशन को अटेंशन न देने की बात करने आई हूँ
की त्योरियां थोड़ी चढ़ गयी हो | वो क्या है ना टेंशन बड़ा संक्रामक होता है | इसलिए सावधान हो जाइए क्योंकि आज मैं टेंशन की नहीं टेंशन को अटेंशन न देने की बात करने आई हूँ
How to live a stress-free life (In Hindi)
सबसे पहले आपका मूड थोडा रिलैक्स करने के लिए आपको एक छोटी सी कहानी सुनाती हूँ |
एक बार की बात एक प्रोफ़ेसर क्लास में एक गिलास ले कर आये | उन्होंने
गिलास हाथ में ले कर बच्चों से पूंछा ,” बच्चों इसका वजन क्या है ? किसी बच्चे ने
कहा २५ ग्राम किसी ने कहा ५० ग्राम , किसी ने …
गिलास हाथ में ले कर बच्चों से पूंछा ,” बच्चों इसका वजन क्या है ? किसी बच्चे ने
कहा २५ ग्राम किसी ने कहा ५० ग्राम , किसी ने …
प्रोफ़ेसर ने कहा , “ इसका वजन कितना भी हो अगर मैं इसे ऐसे ही लिए खड़ा
रहूँ तो १५ मिनट बाद क्या होगा
रहूँ तो १५ मिनट बाद क्या होगा
आप का हाथ में दर्द हो जाएगा
सर , बच्चों ने कहा |
सर , बच्चों ने कहा |
अच्छा अगर आधा घंटा ऐसे ही लिए खड़ा रहूँ तो ?
तो आप का हाथ अकड़ जायेंगे |
अगर एक घंटा ऐसे ही खड़ा रहूँ तो ? प्रोफेसर ने पूंछा
तब तो आपके हाथ सुन्न पड़ जायेंगे , हो सकता है आप को हॉस्पिटल में
एडमिट करना पड़े |बच्चों ने कहा
एडमिट करना पड़े |बच्चों ने कहा
फिर … फिर मैं क्या करूँ ,”
प्रोफ़ेसर ने घबरा कर पूंछा
प्रोफ़ेसर ने घबरा कर पूंछा
गिलास नीचे रख दीजिये सर ,बच्चों ने एक साथ कहा |
प्रोफ़ेसर ने गिलास नीचे रख कर बच्चों से कहा , “बच्चों इतनी देर में
गिलास का वजन तो नहीं बढा फिर भी मेरे हॉस्पिटल पहुँचने की नौबट आ गयी |
गिलास का वजन तो नहीं बढा फिर भी मेरे हॉस्पिटल पहुँचने की नौबट आ गयी |
ये प्रयोग मैंने आप लोगों को
ये समझाने के लिए किया था कि ये गिलास
टेंशन की तरह है जिसे आप जितनी देर अपने सर पर लादे रहेंगे उतना ही आपका नुकसान
होता जाएगा | क्योंकि टेंशन चाहे जितना
छोटी सी बात का क्यों न हो यह नकारात्मकता का भार लिए रहता है | इस बोझ के कारण
हमारे सोंचने समझने , काम करने की हर
क्षमता प्रभावित होती हैं |
ये समझाने के लिए किया था कि ये गिलास
टेंशन की तरह है जिसे आप जितनी देर अपने सर पर लादे रहेंगे उतना ही आपका नुकसान
होता जाएगा | क्योंकि टेंशन चाहे जितना
छोटी सी बात का क्यों न हो यह नकारात्मकता का भार लिए रहता है | इस बोझ के कारण
हमारे सोंचने समझने , काम करने की हर
क्षमता प्रभावित होती हैं |
तो ये
तो रही प्रोफेसर की बात | ये बात मैंने आपसे इसलिए की ताकि आप संक्रामक होने वाले
टेंशन में न आये |
अब मैं अपनी बात बताती हूँ | हुआ ये की आज जब सुबह सो कर उठी तो लाइट
गायब थी | सर्दी के दिन लाईट न हो तो सुबह 5 बजे भी रात के बारह लगते हैं | खैर
किसी तरह मोमबत्ती जला कर किचन में गयी तो पानी की टंकी भी खाली | वो कल रात में
भरी नहीं थी | अब मुझे बहुत टेंशन हो गया | बच्चों को स्कूल कैसे भेजूंगी , पति को
ऑफिस कैसे भेजूंगी | इसे अब इस टेंशन के साथ ही पिछले दिनों उनसे पिछले दिनों बचपन
के सभी टेंशन एक दूसरे के साथ चेन बना कर आना शुरू हो गए | हालत ये हो गयी कि लगने लगा कि अपनी तो जिंदगी ही खराब है
| यानी एक टेंशन किया और 10 टेंशन साथ में आ गए |अब हर चीज फ्री की अच्छी तो नहीं लगती है ना | आप के साथ भी ऐसा ही होता होगा |
गायब थी | सर्दी के दिन लाईट न हो तो सुबह 5 बजे भी रात के बारह लगते हैं | खैर
किसी तरह मोमबत्ती जला कर किचन में गयी तो पानी की टंकी भी खाली | वो कल रात में
भरी नहीं थी | अब मुझे बहुत टेंशन हो गया | बच्चों को स्कूल कैसे भेजूंगी , पति को
ऑफिस कैसे भेजूंगी | इसे अब इस टेंशन के साथ ही पिछले दिनों उनसे पिछले दिनों बचपन
के सभी टेंशन एक दूसरे के साथ चेन बना कर आना शुरू हो गए | हालत ये हो गयी कि लगने लगा कि अपनी तो जिंदगी ही खराब है
| यानी एक टेंशन किया और 10 टेंशन साथ में आ गए |अब हर चीज फ्री की अच्छी तो नहीं लगती है ना | आप के साथ भी ऐसा ही होता होगा |
तो आइये कोशिश
करते हैं की इस टेंशन को शुरू में ही खत्म
कर दें यानी की इसे अटेंशन ही न दें |
Five rules for stress free life
टेंशन को शेयर करिए
अगर आप सारा
टेंशन अपने अन्दर भरते रहेंगे तो एक न एक दिन विस्फोट होगा | ये विस्फोट जरूरी
नहीं की गुस्से के रूप में हो | ये आपके स्वास्थ्य पर भी बीत सकता है | इसलिए इसे
शेयर करें | किसी ऐसे व्यक्ति से जो आप से समानुभूति रखता हो | जैसे आप के माता –
पिता , भाई – बहन , जीवनसाथी या फिर दोस्त | इससे आप को सही राय मिलने की भी
सम्भावना है और आप हल्का भी फील करेंगे | जैसे मैं चली … विशु ( मेरी बचपन की सहेली ) , कहाँ हो तुम ?
टेंशन अपने अन्दर भरते रहेंगे तो एक न एक दिन विस्फोट होगा | ये विस्फोट जरूरी
नहीं की गुस्से के रूप में हो | ये आपके स्वास्थ्य पर भी बीत सकता है | इसलिए इसे
शेयर करें | किसी ऐसे व्यक्ति से जो आप से समानुभूति रखता हो | जैसे आप के माता –
पिता , भाई – बहन , जीवनसाथी या फिर दोस्त | इससे आप को सही राय मिलने की भी
सम्भावना है और आप हल्का भी फील करेंगे | जैसे मैं चली … विशु ( मेरी बचपन की सहेली ) , कहाँ हो तुम ?
उन लोगों से बात करें जो खुशमिजाज रहते हैं
हमारी जिंदगी ऐसे लोग भी होते हैं जो
जिंदादिल व् हंसमुख होते हैं | वो अपनी
खुद की परेशानियों में भी हँसते – मुस्कुराते रहते हैं | उनके पास जाकर बैठिये |
थोड़े ठहाके लगाइए | हँसते ही या तो आप को समस्या का सोल्युशन मिल जाता है या फिर
आप इतना हल्का महसूस करने लगते हैं जैसे की कभी टेंशन हुआ ही न हो | तो उठाइए फोन
और घुमाइए नंबर
जिंदादिल व् हंसमुख होते हैं | वो अपनी
खुद की परेशानियों में भी हँसते – मुस्कुराते रहते हैं | उनके पास जाकर बैठिये |
थोड़े ठहाके लगाइए | हँसते ही या तो आप को समस्या का सोल्युशन मिल जाता है या फिर
आप इतना हल्का महसूस करने लगते हैं जैसे की कभी टेंशन हुआ ही न हो | तो उठाइए फोन
और घुमाइए नंबर
कुछ अच्छा देखे , सुने या पढ़ें
अगर
घर में अकेले हैं और किसी से भी बात करने का मन नहीं है तो इन्टरनेट खोले | फेसबुक
पर भूल कर मत जाइएगा | क्योंकि वहन कहीं न कहीं किसी न किसी का युद्ध चल रहा होगा |
आप ऐसे मूड में किसी से खामखाँ में उलझ पड़ेंगे | और टेंशन का डबल टेंशन ले कर
आयेंगे | कोई अच्छी वेबसाईट का अर्टिकल पढ़ें , कोई हँसी का यू ट्यूब वीडियो देखे ,
कोई अच्छा गीत सुने , गुनगुनाएं | फिर देखिये कैसे टेंशन छू मंतर होता है |
घर में अकेले हैं और किसी से भी बात करने का मन नहीं है तो इन्टरनेट खोले | फेसबुक
पर भूल कर मत जाइएगा | क्योंकि वहन कहीं न कहीं किसी न किसी का युद्ध चल रहा होगा |
आप ऐसे मूड में किसी से खामखाँ में उलझ पड़ेंगे | और टेंशन का डबल टेंशन ले कर
आयेंगे | कोई अच्छी वेबसाईट का अर्टिकल पढ़ें , कोई हँसी का यू ट्यूब वीडियो देखे ,
कोई अच्छा गीत सुने , गुनगुनाएं | फिर देखिये कैसे टेंशन छू मंतर होता है |
देखिये मैंने तो अटूट बंधन की वेबसाईट खोली हुई है | पॉजिटिव थिंकिंग के आर्टिकल पढ़ रही हूँ |
लिख दें हाले दिल
अगर आप को
टेंशन ज्यादा है और इनमें से कोई उपाय काम नहीं कर रहा है | तो कॉपी और पेन उठाइये
या लैपटॉप में नोट पैड पर लिख दीजिये हाले दिल या समस्या का कारण | जब हम समस्या
को लिखते हैं तो वो समस्या हमें दूसरे की
लगने लगती है | फिर तो आप आसानी से उसका हल भी निकाल लेंगे | तो … कहाँ है आप का
नोट पैड | अब ये आर्टिकल मैंने क्यों लिखा … समझ गए न आप | वैसे अपनी समस्या हल करते – करते किसी दूसरे की भी समस्या हल हो जाए तो इसमें हर्ज ही क्या है |
टेंशन ज्यादा है और इनमें से कोई उपाय काम नहीं कर रहा है | तो कॉपी और पेन उठाइये
या लैपटॉप में नोट पैड पर लिख दीजिये हाले दिल या समस्या का कारण | जब हम समस्या
को लिखते हैं तो वो समस्या हमें दूसरे की
लगने लगती है | फिर तो आप आसानी से उसका हल भी निकाल लेंगे | तो … कहाँ है आप का
नोट पैड | अब ये आर्टिकल मैंने क्यों लिखा … समझ गए न आप | वैसे अपनी समस्या हल करते – करते किसी दूसरे की भी समस्या हल हो जाए तो इसमें हर्ज ही क्या है |
जरा डरिये टेंशन टेंशन को खींचता है
जिसने भी लॉ ऑफ़ अट्रेकशन पढ़ा होगा वो तो ये जानता ही होगा की टेंशन टेंशन को
खींचता है | इसलिए टेंशन से थोडा डरिये, नहीं तो ये और टेंशन खींचेगा और हमारे सर की
टन टना टन बजा देगा | अब मेरा ही देखिये … लाईट नहीं आई … टेंशन किया .. तो टंकी
भी खाली निकली .. और् टेंशन किया तो … बच्चे टिफिन भी घर पर भूल गए … और ..
अरे बस , बस , बस जितनी जल्दी हो आप इस साइकिल को रोक दीजिये नहीं तो इस स्स्य्किल के साथ टेंशन की ट्रेन
बढती ही जायेगी |
खींचता है | इसलिए टेंशन से थोडा डरिये, नहीं तो ये और टेंशन खींचेगा और हमारे सर की
टन टना टन बजा देगा | अब मेरा ही देखिये … लाईट नहीं आई … टेंशन किया .. तो टंकी
भी खाली निकली .. और् टेंशन किया तो … बच्चे टिफिन भी घर पर भूल गए … और ..
अरे बस , बस , बस जितनी जल्दी हो आप इस साइकिल को रोक दीजिये नहीं तो इस स्स्य्किल के साथ टेंशन की ट्रेन
बढती ही जायेगी |
भगवान् से कह डालिए
अगर आप आस्तिक हैं तो टेंशन ये फुल प्रूफ मेथड हैं | अगर नास्तिक हैं तो
किसी भी प्रतीक को ले सकते हैं | दरसल लोगों को लगता है की आस्तिक लोग केवल भगवान्
से हर समय मांगते रहते हैं | जबकि ऐसा सत प्रतिशत नहीं है |आस्तिक होने का अर्थ ये
है की हम महसूस करते हैं कि कोई अपना हमारे साथ २४ घंटे हैं | हर रिश्ते में दरार
आती है | पर ईश्वर तो जन्म से पहले और मरण के बाद भी साथ हैं | दिल में है, तो
दिल की बात छुपाने से क्या फायदा | इससे आप का टेंशन बहुत कम हो जाएगा | तो कह
दीजिये सारे टेंशन |
किसी भी प्रतीक को ले सकते हैं | दरसल लोगों को लगता है की आस्तिक लोग केवल भगवान्
से हर समय मांगते रहते हैं | जबकि ऐसा सत प्रतिशत नहीं है |आस्तिक होने का अर्थ ये
है की हम महसूस करते हैं कि कोई अपना हमारे साथ २४ घंटे हैं | हर रिश्ते में दरार
आती है | पर ईश्वर तो जन्म से पहले और मरण के बाद भी साथ हैं | दिल में है, तो
दिल की बात छुपाने से क्या फायदा | इससे आप का टेंशन बहुत कम हो जाएगा | तो कह
दीजिये सारे टेंशन |
जैसे मैं कहने जा रही हूँ , “हे भगवान् आज सुबह से लाईट नहीं आई पानी
भी नहीं आया |और ……. बहुत परेशान हूँ |
भी नहीं आया |और ……. बहुत परेशान हूँ |
तो ये थे वो पांच तरीके , इनमें से कोई भी आजमाइए और हो जाइए टेंशन फ्री
नीलम गुप्ता
यह भी पढ़ें ……..
आपको लेख “ टेंशन को न दें अटेंशन “ कैसा लगा | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट पोस्ट सीधे आपके email पर भेज सकें
bahut badhiya sir stress ko dur karne se lekar apke topic achhe se samjhaye gaye h thanks for sharing
धन्यवाद