राहुल के हाथ में निधि की शादी का
कार्ड था और उसकी आँखों में आँसू | राहुल और निधि एक ही
कॉलेज में पढ़े थे | कब उसे निधि भाने लगी, कि वो उसे जीवनसाथी बनाने के सपने देखने लगा उसे पता ही नहीं चला| निधि एक अंतर्मुखी स्वयं में सिमिटी रहने वाली लड़की थी| फिर भी उसकी बातों से राहुल को अंदाजा था कि निधि भी उसे पसंद करती हैं |
पर वो उससे कह नहीं सका | वो हर रोज सोंचता कि
वो निधि से मिलेगा तब कह देगा , पर हर रोज आने वाले कल पर
बात टाल देता और नतीजा निधि की शादी किसी और से हो रही है |
अब
जरा इन उदाहरणों पर भी गौर करें …
- कल से पक्का अपना स्टडी टाइम टेबल फॉलो करूँगा |
- आज तो नहीं हो पाया पर कल से जरूर वाक पर जाना है , आखिर
सेहत का ध्यान तो रखने ही चाहिए| - रोज देर से उठने से सुबह की भागमभाग बहुत परेशान करती
है , तय कर लिया है मैंने कल से जरूर 5 बजे
उठूँगा ताकि हर काम समय पर हो | - आज पार्टी है ,
जानता हूँ डॉक्टर ने मना किया है
पर आज और समोसा खा लेता हूँ ,
एक दिन में कुछ हर्ज थोड़ी न हो
जाएगा , कल से तय कर लिया है डॉक्टर के डाएट प्लान
पर ही चलूँगा| - कल से थोडा सा वक्त परिवार और बच्चो के लिए भी निकालूँगा , हर
समय बिजनिस ही ठीक नहीं |
पढाई हो
कोई जरूरी काम हो , किसी से रिश्ते बिगड़े रिश्ते बनाने हो ,
कोई बुरी आदत छोडनी हो या प्रेम-मुहब्बत का चक्कर हो , अगर आप की काम को टालने( procrastination) की आदत है
तो प्रतिभा क्षमता होते हुए भी अंत में आप के हाथ में कुछ नहीं लगता |
मेरी सलाह है जो आज कर सकते हो उसे कल पर मत छोड़ो , टालने की आदत समय का चोर है -चार्ल्स डिकेंस
टाल-मटोल की आदत से कैसे बचें
–How to overcome Procrastination
भले ही हम बचपन से “TOMORROW NEVER COMES” पढ़ते आये हों |
पर आँकड़े कहते हैं कि कामों
को टालने की आदत 95% लोंगों होती है | ये आदत उनमें नाम मात्र या ज्यादा हो सकती है, पर होती जरूर है| अब अंदाजा लागाइये की सिर्फ 5 % लोग ही successful क्यों
होते हैं ?जाहिर है उनमें काम को टालने की आदत नहीं होती |
अक्सर
लोग आलसी या टाल-मटोल करने वालों को तराजू के एक ही पलड़े में रखते हैं | ये सही नहीं है |
आलसी व्यक्ति में काम करने
की इच्छा ही नहीं होती जबकि टाल-मटोल करने वाले की उस काम को करने की बहुत इच्छा
होती है, फिर भी वो नहीं करता| वो जानता है की उसके लिए ये काम टॉप प्रायोरिटी का है पर वो उसे न
करके कम प्रायोरिटी वाले कामों में उलझा रहता है |
आखिर क्यों करते हैं हम काम में टाल-मटोल
हुए तो , खुद को उस बुरी वाली फीलिंग से बचाने के लिए लोग
काम को टालते हैं |
सफलता का भी भय होता है , लोग जानते हैं कि वो काम करने के बाद वो सफल हो
जायेंगे,लेकिन उन्हें डर लगता है की क्या वो सफलता संभाल पायेंगे | सफलता बहुत डिमांडिंग होती है, और आपका पूरा रूटीन बदल देती है|
रहे हैं उसे करने में स्ट्रेस होता है, हम उस स्ट्रेस से बचना
चाहते हैं| मान लीजिये आपके किसी रिश्तेदार से संबंध खराब चल
रहे हैं, आप उससे फोन पर बात करना चाहते हैं परन्तु आप ये
सोंच कर नहीं करते क्योंकि आपको लगता है कि वो न जाने क्या बुरा बोल दे, स्ट्रेस और न बढ़ जाए, बात और बिगड़ जाए |
प्रकाशित किया था| दरसल काम की टाल-मटोल का कारण सही प्लानिंग न
होना होता है | जैसे राकेश जी यही सोंचते रहे की बिजनिस और परिवार
में संतुलन बना कर रखेंगे पर २० साल तक कर नहीं पाए , बच्चे बड़े हो गए ,
अब उन्हें पिता के साथ उतना
वक्त बिताने की जरूरत नहीं रही | अगर वो प्लानिंग सही तरीके से करते तो वो बच्चों के साथ वक्त बिता पाते|
है |
कुछ बातें जो काम को टालने के बारे में समझिये
अगर आपको भी टाल–मटोल करने की आदत है और आप उसे छोड़ना चाहते हैं तो आपको
कुछ बातों का ध्यान रखना होगा ..वो कहते हैं ना एक अच्छी शुरुआत ही अच्छे अंजाम तक
पहुंचती है |
2)रियलिस्टिक बनिए – अगर आप को सुबह देर से उठने की
आदत है और आप पढाई या वाक् पर जाने का सुबह का नियम बनाना चाहते हैं तो आप निश्चित
रूप से बहाने बनायेंगे| काम आदर्श स्थिति में करने पर नहीं सिर्फ करने पर ध्यान दें|
3)फायदों पर फोकस करें –आप किसी काम को इसलिए टाल रहे
हैं क्योंकि आप को लगता है कि आप को स्ट्रेस से गुजरना पड़ेगा तो उस काम के पूरा
होने के फायदों के बारे में सोंचे साथ ही ये भी सोंचे कि अगर वो काम पूरा नहीं हुआ
तो आपको कितना ज्यादा स्ट्रेस होगा|
वो मूड का बहाना बनाते हैं |मूड का इंतज़ार मत करिए| अगर आप लेखक है तो कुछ भी
लिखिए थोडा ही लिखिए, लिखने से मूड बनेगा, मूड बना कर लिखना मुश्किल होता है|
5)टुकड़ों में बांटिये –अगर काम बहुत ज्यादा है और आप
इसलिए उसे टाल रहे हैं तो उसे टुकड़ों में बांटिये| जैसे पूरे घर की सफाई करनी है
तो आज बस एक कमरे की एक अलमारी साफ़ करेंगे, देखिएगा एक दिन पूरा घर साफ हो ही
जाएगा |
6) परफेक्शनिस्ट मत बनिए –बहुत से लोग काम में टाल-मटोल इसलिए करते हैं क्योंकि वो परफेक्शनिस्ट होते हैं, यानी जब काम करें तो बहुत बढ़िया करें नहीं तो न करें | ऐसे में ज्यादातर काम न होने की संभावना रहती है| अगर एक लेखक चाहे कि वो ऐसी कृति समाज के सामने रखेगा तभी लिखना शुरू करेगा तो शायद वो कभी लिख ही न पाए | क्योंकि उसे तब अस्वीकार किये जाने का भय ज्यादा होगा| जो लोग रोज् लिख कर या थोडा -थोडा लिख कर पाठकों के सामने लाते रहते हैं उन्हें अपनी पकड़ किस विषय पर कितनी है उसका पता चल जाता है और वो उसमें सुधार भी कर सकते हैं|
7)अपने वातावरण की कमियों को दूर करें –अगर आप महसूस कर रहे हैं कि आप का काम टल रहा है जबकि आप टालना नहीं चाहते तो अपने वातावरण की कमियों को देखिये …
- क्या आप बहुत शोर में काम करते हैं ?
- क्या आप सोशल मीडिया या फोन पर बहुत समय बर्बाद करते हैं ?
- क्या उन मित्रों को देख कर जिन्होंने आप के साथ शुरुआत की थी पर अभी वो आपसे बहुत आगे हैं देखकर डिप्रेस फील करते हैं?
- क्या आपको लगता है कि आपके परिवार का असहयोगात्मक रवैया आपको अन्य कामों में लगा कर आप के जरूरी काम में रास्ते में दीवार बनाता है ?
कमी जो भी हो आपको देखनी है और उसे कैसे दूर करना है ये समझना हैं |
8) अपने को माफ़ करिए- कई बार हम काम को टालने के चक्र में इतना फंस जाते हैं कि जब बहुत समय बर्बाद कने के बाद अपना काम शुरू करते हैं तो हमारा अतीत हमारे सामने आ कर खड़ा हो जाता है| हमें लगता है कि तब हमने ये बात करी होती तो क्या -क्या फायदे हो गए होते? हम कहाँ से कहाँ पहुँच गए होते? इससे इतना अपराधबोध भर जाता है कि हम काम पर फोकस ही नहीं कर पाते और फिर से टाल-मटोल में फंस जाते हैं |
9)किसी को अपने साथ लीजिये –अगर काम बड़ा है और जिम्मेदारी का है तो किसी को अपने साथ लीजिये, दो लोगों के करने से मोटिवेशन बना रहता है| याद करिए जब होली की गुझिया अकेले बनाते हैं तो 50 भी बनाना मुश्किल दिखता है और जब कई लोगों के साथ बनाते हैं तो 500 भी बातों ही बातों में बन जाती हैं|
काम को टालने की आदत दूर करने के लिए 5 मिनट रुल
अगर आप को भी काम को टालने की आदत है| और आप उसे दूर करना चाहते हैं तो 5 मिनट रुल अपनाइए| ये रुल मैंने खुद भी अपनाया है| एक समय ऐसा था जब मुझे डॉक्टर ने कमर दर्द के लिए एक्सरसाइज करने की सलाह दी थी , मुझे बहुत आलस आता था| कभी एक्सरसाइज़ की आदत नहीं थी| दवा की गोली खा लेना आसान था| हालांकि मैं जानती थी कि दवा की गोली समस्या का समाधान नहीं है, इससे मेरी मांस -पेशियाँ मजबूत नहीं होंगी जो मुझे कमर दर्द से छुटकारा दिला सके और लम्बे समय तक पेन किलर खाने के साइड इफ़ेक्ट भी हैं | सब जानने के बावजूद भी मामला कल-कल और कल पर टलता जा रहा था| फिर मैंने फाइव मिनट रुल अपनाया, इसके बारे में मैंने किताबों में पढ़ा था| इसके लिए मैंने अपने मन को तैयार किया केवल पांच मिनट एक्सरसाइज करेंगे| मैंने एक्सरसाइज शुरू की कब आधा घंटा हो गया पता ही नहीं चला| ये रुल काम कर गया|
आप भी जिस काम को टाल रहे हैं उसके लिए संकल्प लें कि आप उसे केवल 5मिनट करेंगे|
1)स्टूडेंट हैं सुबह जल्दी उठाना चाहते हैं, तय करिए बस पाँच मिनट पढूंगा … अब नींद तोड़ ली , किताब के आगे बैठ गए तो पढने ही लगेंगे |
2)खरबूजे के बीज छीलने का मन नहीं करता तय करिए बस पाँच मिनट छीलना है – देखिएगा हर बार आप काफी देर तक छीलते रह जायेंगे|
3) कमरा पूरा बेतरतीब है , सोंचिये बस पाँच मिनट करना है… अब एक बार सफाई शुरू कर दी तो कमरा साफ़ हो ही जाएगा|
4) समय बिलकुल नहीं है,पड़ोसन से बात करने का भी नहीं… कभी सोंच कर शाम को दरवाज़ा खटखटाइए की बस पाँच मिनट हेलो-हाय कर लेंगे … आप देखेंगे आप आधा घंटे से ज्यादा बात कर लेंगे|
5)बच्चों को सिर्फ पांच मिनट रोज़ पढ़ाना है… आप को बच्चों की पढाई व् जीवन से रिलेटेड हर समस्या पता चल जायेगी|
ऑफिस का काम हो रिश्ते , पढाई ये पाँच मिनट रुल हर जगह काम करता है|
आप ने भी कभी न कभी इस बात को महसूस किया होगा कि ये पाँच मिनट रुल काम करता है| अगर विज्ञान की घालमेल जीवन में कर कर के देखे तो न्यूटन के सिद्धांत के अनुसार –
कोई चीज रेस्ट में है तो वो रेस्ट में और चल रही है तो गति में तब तक रहेगी जब तक बाह्य बल न लागाया जाए “
मतलब साफ़ है जब तक आप काम टाल रहे हैं तो पाहला स्टेप सबसे महत्वपूर्ण होता है, एक बार आप काम करने के मूड में आ गए तो काम पूरा हो ही जाएगा|
अगर आप की भी काम को कल परसों पर टालने की आदत है तो 5 मिनट रुल अपनाइए और टालने की आदत से छुटकारा पाइए |
वंदना बाजपेयी
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keywords-procrstination, work, 5minute rule, priority
समय का महत्व समझाती बहुत बढ़िया पोस्ट।
धन्यवाद ज्योति जी
bahut acche se likha hai
धन्यवाद