उससे मेरा पहला परिचय
कब हुआ , पता नहीं
| शायद
बचपन में तब जब मैंने हर काली चिड़िया को कौआ – कौआ कहते हुए उसके और कौवे के बीच
में फर्क जाना होगा | रंग जरूर
उसका कौए की तरह था पर उसकी पीली आँखे व् चोंच उसे अलग ही रूप प्रदान करती | उससे भी बढ़कर थी उसकी आवाज़ जो
एक मीठा सा अहसास मन में भर देती | बाद में जाना उसका नाम मैना है | पर उसका विशेष परिचय स्कूल जाने की उम्र में हुआ | यहाँ पर मैं तोता और मैना
की कहानी की बात नहीं कर रही हूँ … क्योंकि ये कहानी तो पुरानी हो गयी है | उस दिन हम लोग स्कूल से छुट्टी
के बाद स्कूल के बाहर
रिक्शे में बैठे थे | जब तक
सारी लडकियाँ न आ जाए
रिक्शेवाला रिक्शा चलाता
नहीं था | हमारा
डिब्बाबंद रिक्शा था | तभी एक
बच्ची जोर से बोली ,ओह , वन फॉर सॉरो ” |
कब हुआ , पता नहीं
| शायद
बचपन में तब जब मैंने हर काली चिड़िया को कौआ – कौआ कहते हुए उसके और कौवे के बीच
में फर्क जाना होगा | रंग जरूर
उसका कौए की तरह था पर उसकी पीली आँखे व् चोंच उसे अलग ही रूप प्रदान करती | उससे भी बढ़कर थी उसकी आवाज़ जो
एक मीठा सा अहसास मन में भर देती | बाद में जाना उसका नाम मैना है | पर उसका विशेष परिचय स्कूल जाने की उम्र में हुआ | यहाँ पर मैं तोता और मैना
की कहानी की बात नहीं कर रही हूँ … क्योंकि ये कहानी तो पुरानी हो गयी है | उस दिन हम लोग स्कूल से छुट्टी
के बाद स्कूल के बाहर
रिक्शे में बैठे थे | जब तक
सारी लडकियाँ न आ जाए
रिक्शेवाला रिक्शा चलाता
नहीं था | हमारा
डिब्बाबंद रिक्शा था | तभी एक
बच्ची जोर से बोली ,ओह , वन फॉर सॉरो ” |
वन फॉर सॉरो ,टू फॉर जॉय
मैंने कौतुहल में पूंछा , क्या मतलब ? उसने उत्तर में एक गीत सुना
दिया …..
दिया …..
वन फॉर सॉरो
टू फॉर जॉय
थ्री फॉर सिल्वर
फोर फॉर गोल्ड
फिर अंगुली का इशारा कर के बोली , ” वो देखो एक मैना , जो एक मैना देखता है उसका दिन बहुत ख़राब बीतता है , दो बहुत शुभ होती हैं | देखना आज का दिन ख़राब जाएगा
| उसी दिन
जब रिक्शा ढलान से उतर रहा था ,
पलट गया | सभी बच्चों
के बहुत चोट आई | किसी तरह
से दो -दो बच्चे घर
भेजे गए | चोटों का
दर्द तो माँ के लाड़ -दुलार से ठीक हो गया पर दिमाग में एक बात बैठ गयी वन फॉर सॉरो
, टू फॉर जॉय , सिल्वर और गोल्ड की परवाह
नहीं थी | हालांकि
उम्र थोड़ा बढ़ी तो बाद की दो पक्तियां बदली हुई सुनाई दी , शायद आप लोग इससे परिचित
हों …
थ्री फॉर लैटर
फोर फॉर बॉय
थोडा बड़ा होने पर समझ के
साथ समझ आ गयी थी कि चिड़ियों के देखने से कुछ अच्छा बुरा नहीं होता पर एक चिड़िया
दिखती तो आँखे अनायास ही दो चिड़ियों को तलाशने लगती | कभी मिलतीं , कभी नहीं मिलती उनके मिलने
न मिलने से दिन के अच्छे बुरे होने का कोई सम्बन्ध भी नहीं रहा | फिर भी दो चिड़ियों को साथ
देखकर एक मुस्कान की लम्बी रेखा चेहरे पर खिंच जाती | वैसे ये अंग्रेजों का बनाया
हुआ अंधविश्वास है , फिर भी ये बात गर्व करने
लायक तो नहीं है कि अन्धविश्वास बनाने के मामले में हम अकेले नहीं हैं | खैर तभी एक दिन की बात है
मैं चावल के दाने चिड़िया के कटोरे में डाल रही थी कि एक मैना आकर बैठ गयी | पहले तो दिल धक् से बैठ गया … दिमाग में वन फॉर सॉरो , वन फॉर सॉरो
का टेप रिकार्डर बजने लगा , फिर ध्यान उसकी आँखों पर गया ,उसकी
मासूम सी आँखे इंतज़ार कर रहीं थी कि मैं जाऊं तो वो दाने खाए | नकारात्मक विचार थोड़े थमे बल्कि इतने पास से उसको देखकर
स्नेह उमड़ आया | दाने डाल
के हट गयी उसने पलट कर मुझे देखा , जैसे पूछ रही हो ,
“अब खा लूँ ?”और अधीर
बच्चे की तरह बिना उत्तर की प्रतीक्षा में खाने लगी | उसको चट-चट खाते देखने में
जो स्नेह उमड़ा उसमें ” वन फॉर सॉरो ” का फलसफा पूरी तरह बह गया |
आज इतने दिनों बाद ये वाकया इसलिए याद आया क्योंकि आज एक छोटा बच्चा जो अपनी माँ के साथ जा
रहा था एक मैना देख कर चिल्लाया ,
” माँ वन फॉर सॉरो ” | इससे पहले की वो भी दो चिड़ियाँ तलाशने लगे मैंने
प्यार उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा , ” चिड़िया तो इतनी प्यारी होती है ,कि एक भी दिख जाए तो जॉय ही
है … सॉरो बिलकुल नहीं | बच्चा
खुश हो कर ताली बजाने लगा |
रहा था एक मैना देख कर चिल्लाया ,
” माँ वन फॉर सॉरो ” | इससे पहले की वो भी दो चिड़ियाँ तलाशने लगे मैंने
प्यार उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा , ” चिड़िया तो इतनी प्यारी होती है ,कि एक भी दिख जाए तो जॉय ही
है … सॉरो बिलकुल नहीं | बच्चा
खुश हो कर ताली बजाने लगा |
ऐसे ही बचपन की कच्ची मिटटी पर न जाने कितने अन्धविश्वास रोप दिए
जाते हैं | जिनके डर
तले विकसित होता पौधा अपना उन ऊँचाइयों को नहीं पा पाता जो उसके लिए बनीं थीं |
जाते हैं | जिनके डर
तले विकसित होता पौधा अपना उन ऊँचाइयों को नहीं पा पाता जो उसके लिए बनीं थीं |
बाँधों न इस कदर बेड़ियों से इसे
उड़ने दो आज़ाद मन के परिंदे को जरा …
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filed under- superstitions, bird, one for sorrow two for joy
वाह बहुत खूब 👌👌
धन्यवाद
बहुत बढ़िया blog है.