कह मुकरियाँ साहित्य की एक विधा है | यह शब्दों कह और
मुकरियाँ से बनी है | इसका सीधा सा अर्थ
है कही हुई बात से मुकर जाना | ये चार पंक्तियों का बंद होता है , फिर भी स्पष्ट कुछनहीं होता | चौथी
पंक्ति दो वाक्य भागों में विभक्त होती है | जिसमें पहला
वाक्य तीन लाइन को सन्दर्भ में ले कर अपेक्षित सा प्रश्न होता है और दूसरा वाक्य
उत्तर होता है | जो प्रश्नकर्ता द्वारा बूझी गयी पहेली के एकदम विपरीत होता है | एक चमत्कारिक
प्रभाव उत्पन्न होता है और प्रश्नकर्ता चमत्कृत
हो जाता है | इतिहास में अमीर खुसरो को कह –मुकरी में विशेषता हासिल थी |एक उदाहरण देखिये ….
मुकरियाँ से बनी है | इसका सीधा सा अर्थ
है कही हुई बात से मुकर जाना | ये चार पंक्तियों का बंद होता है , फिर भी स्पष्ट कुछनहीं होता | चौथी
पंक्ति दो वाक्य भागों में विभक्त होती है | जिसमें पहला
वाक्य तीन लाइन को सन्दर्भ में ले कर अपेक्षित सा प्रश्न होता है और दूसरा वाक्य
उत्तर होता है | जो प्रश्नकर्ता द्वारा बूझी गयी पहेली के एकदम विपरीत होता है | एक चमत्कारिक
प्रभाव उत्पन्न होता है और प्रश्नकर्ता चमत्कृत
हो जाता है | इतिहास में अमीर खुसरो को कह –मुकरी में विशेषता हासिल थी |एक उदाहरण देखिये ….
लिपट –लिपट के वा के सोई
छाती से छाती लगा के रोई
दांत से दांत बजे तो ताड़ा
का सखी साजन ? ना सखी जाड़ा |
आज हम आपके लिए
मीना पाठक की ऐसे ही सुंदर कह –मुकरियाँ लायें हैं | आशा है आपको पसंद आएँगी
मीना पाठक की ऐसे ही सुंदर कह –मुकरियाँ लायें हैं | आशा है आपको पसंद आएँगी
कह -मुकरियाँ
मारे जब वो खींच के
धार
प्रेम से भीगूँ मैं हर बार
मारे मन मेरा किलकारी
क्या सखी साजन, ?
ना सखी पिचकारी
धार
प्रेम से भीगूँ मैं हर बार
मारे मन मेरा किलकारी
क्या सखी साजन, ?
ना सखी पिचकारी
2-
मन ये मेरा बहका जाये
संग पवन के उड़ता जाये
अधर लगाऊँ फड़के अंग
क्या सखी सजन ?
ना सखी भंग |
3-
जब वो गालों को छू जाये
मन मेरा पुलकित हो जाये
शर्म से हो जाऊं मै लाल
क्या सखी साजन ?
ना री, गुलाल |
4-
खुशबू उसकी मन को भाये
अधर चूमता उसको जाये
झंझट बहुत कराये रसिया
क्या सखी साजन ?
ना सखी गुझिया |
5-
अंग लगा कर मै तर जाऊं
उसके रंग मै रंग जाऊं
छुअन से उसके मचले अंग
क्या सखी साजन ?
ना सखी रंग |
मीना पाठक
आपको ” कह-मुकरियाँ “कैसे
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filed under- poem in Hindi, Hindi poetry, kah-mukariyaan
जबर्दस्त👌👌👌
हम भी कोशिश करेंगे लिखने की।
बहुत खूब …
गज़ब की मुकरियाँ … हर विधा कमाल की है …
बहुत ही खूबसूरत मुकरियां