भूतिया त्यौहार वो भी हँसता खिलखिलाता , जरूर आप भी हैरत में पड़ गए होंगे | जब मैंने भी हैलोवीन के बारे में पहली बार जाना तो मुझे भी कुछ ऐसा ही लगा | दरअसल पश्चिमी देशों में इसाई समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला ये त्यौहार ही ऐसा है जहाँ लोग भूत बन कर एक दूसरे को डराते हैं और बदले में उन्हें मिलते हैं गिफ्ट | अब हमारे देश में होली में भी तो यही होता है , पहले रंग फेंकते हैं फिर गले मिल कर सारे गिले शिकवे भूल जाते हैं | तो आइये आज जानते हैं हैलोवीन के बारे में …
हैलोवीन -हँसता खिलखिलाता भूतिया त्यौहार
हैलोवीन के कई नाम है जैसे …आल हेलोस इवनिंग , आल हेलोस ईव और आल सेंटर्स ईव |हैलोवीन को सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन भी होता है इसलिए सेल्टिक लोग इसे नए वर्ष के रूपमें भी मनाते हैं | पहले इसे सेल्ट्स लोग ही मनाते थे पर जैसे -जैसे ये लोग इंग्लैंड , स्कॉटलैंड अमेरिका में रहने लगे ये वहां भी ये त्यौहार मनाने लगे , जिससे वहां के निवासी भी इससे परिचित हुए | इस त्यौहार के रोमांच व् विनोदप्रियता को देखते हुए जल्दी ही और लोगों ने इसे अपना लिया | आज ये यूरोप और अमेरिका का प्रमुख त्यौहार बन गया है | आप ने भी अभी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रूप द्वारा हैलोवीन की शुभकामनाएं देने वाले सन्देश जरूर पढ़े होंगे |
कब मनाते हैं हैलोवीन
हैलोवीन का त्यौहार अक्टूबर महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है | इस साल भी ये त्यौहार ३१ अक्टूबर को मनाया जायेगा |
क्यों मनाया जाता है हैलोवीन
मुख्य रूप से हैलोवीन किसानों का त्यौहार है | ये फसल पकने का समय है | इस समय किसानों को डर रहता है कि भूत -प्रेत आकर कहीं उनकी फसल को नष्ट ना कर दें , इसलिए वो स्वयं भूत -प्रेत बन कर उन्हें डराते का प्रयास करते हैं | इस पूरी तैयारी में बड़ा ही रोमांचक माहौल बन जाता है |
हैलोवीन का इतिहास
अगर इतिहास को खंगालें तो लगभग २००० साल पहले सेल्टिक त्यौहार आल सेंट्स डे एक नवम्बर को मनाया जाता है | इतिहास के अनुसार गेलिक परम्परायों को मानने वाले लोग जो सैम्हें का त्यौहार मनाते थे वो भी कुछ ऐसा ही होता था | वो लोग इसे ठण्ड की शुरुआत का पहला दिन मानते थे | उनके अनुसार ये ऐसा दिन था जिस दिन प्रेत आत्माएं धरती पर आती हैं और धरती वासियों के लिए बहुत मुश्किल खड़ी करती हैं | इन्बुरी आत्माओं को डरा कर भगाने के लिए लोग राक्षसों जैसे कपडे पहनते हैं , जगह -जगह अलाव जलाते हैं व् एक दूसरे पर हड्डी आदि फेंक देते हैं |
इसी धर्म के आने के बाद ईसाईयों द्वारा आल सेंट्स डे से एक रात पहले आल हैलोवीम ईव मनाई जाती थी | कालांतर में ये दोनों त्यौहार एक हो गए और हैलोवीन का त्यौहार अपने आधुनिक रूप में अस्तित्व में आया |
कैसे मानते हैं हैलोवीन
पारंपरिक रूप से हैलोवीन मनाने के लिए इन चार तरीकों का समावेश होता है |
ट्रिक और ट्रीटिंग
जैक ओ लेंटर्न बना कर
विविध वेश भूषा व् खेल
पारंपरिक व्यंजन
ट्रिक और ट्रीटिंग
ये हैलोवीन का सबसे पुराना व मुख्य भाग है |इसमें लोग डरावने कपड़े पहनते हैं और घर -घर जा कर कैंडी बांटते हैं | इसमें बच्चे कद्दू के आकर के बैग लेकर घर -घर जाते हैं और दरवाजा खटखटा कर कहते हैं ट्रिक और ट्रीट | घर के लोग उन्हें तरह -तरह से डराते हैं और अंत में उन्हें उपहार देते हैं |
जैक ओ लेंटर्न बना कर
पुरानी परम्पराओं के अनुसार इस दिन लोग जैक ओ लेंटर्न बना कर उसे ले कर चलते हैं | इसमें एक खोखले कद्दू में आँख , नाक ,मुँह बनाते हैं फिर उसके अन्दर एक मोमबती रखते हैं | इस समय वो अपना चेहरा डरावना बना लेते हैं | बाद में इस कद्दू को दफना दिया जाता है |
विविध वेश भूषा व् खेल
जैसा की पहले बता चुके हैं कि इस त्यौहार की वेशभूषा डरावनी होती है | लोग भूत , पिसाच , चुड़ैल आदि की तरह कपडे पहनते हैं और तैयार होते हैं | इस दिन कई तरह के खेल खेले जाते हैं जिसमें एप्पल बोबिंग प्रमुख है | इसमें एक बड़े से तब में पानी भर कर एप्पल को तैराते हैं और लोगों को उन्हें मुँह से उठाना होता है |इसी तरह से एक खेल भविष्यवाणी करने का होता है | इसमें लोग सेब के छिलके को किसी साथी के कंधे से टॉस कर के जमीन पर फेंकते हैं , चिल्का जिस आकर में गिरता है वही उसके भविष्य के साथी का नाम का पहला अक्षर होता है, ऐसा माना जाता है | इसी तरह से कुवारी लडकियां एक खेल खेलती हैं जिसमें मान्यता है की अँधेरे कमरे में आईने के सामने टकटकी लगाकर देर तक बैठने से होने वाले जीवनसाथी की आकृति दिखाई दे जाती है |
पारंपरिक व्यंजन
अलग -अलग देश में हैलोवीन के अलग -अलग पारंपरिक व्ययंजन होते हैं | मुख्य रूप से कद्दू के आकर के केक , पुडिंग , पॉपकॉर्न , कद्दू के भुने बीज , आत्माओं की आकृतियों वाले केक होते हैं | देशों के हिसाब से पारंपरिक भोजन निम्न हैं …
आयर लैंड —बर्म ब्रेक , कैरमल कॉर्न
ग्रेट ब्रिटेन ….बौन्फायर टॉफी
उत्तरी अमेरिका…. कैंडी कद्दू , कैंडी एप्पल
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