स्वामी विवेकानंद के 21 अनमोल विचार


स्वामी विवेकानंद के 21 अनमोल विचार
दा इंडियन वायर से साभार



स्वामी विवेक्कानंद 
जन्म -१२ जनवरी १८६३ , कोलकाता (पश्चिमी बंगाल )
मृत्यु -४ जुलाई १९०२ बेलूर मठ 


स्वामी विवेकानंद जी ने  यूरोप व् अमेरिका में वेदांत दर्शन का प्रचार प्रसार किया | उनका शिकागो में दिया गया भाषण विश्व प्रसिद्द है | जीवन भर वो कुरीतियों का विरोध व् समाज सुधार के काम करते रहे | अपने गुरु स्वामी राम कृष्ण परमहंस के नाम से उन्होंने राम कृष्ण मिशन की स्थापना की जो निरंतर सामाजिक कार्यों में अपना योगदान दे रही है | 

स्वामी विवेकानंद के 21 अनमोल विचार 



1-उठो , जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए |


2-खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है |


3-बाहरी स्वाभाव केवल अंदरूनी स्वाभाव का बड़ा रूप है |


4-विश्व एक विशाल व्यायामशाला है, जहाँ हम खुद को मजबूर करने के लिए आते हैं |

सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वाभाव  के प्रति सच्चे होना …खुद पर विश्वास करो 

5-एक समय में एक काम करो , और उसे करते हुए अपनी पूरी आत्मा उस में डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ |


6-जब तक जीना तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है |


7-जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते आप भगवान् पर विश्वास नहीं कर सकते |


8-चिंतन करो , चिंता नहीं , नए विचारों को जन्म दो |


9-हम वो हैं जो हमें , हमारी सोच ने बनाया है , इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं | शब्द गौढ़ हैं | विचार दूर तक यात्रा करते हैं |


10-हम जो बोते हैं वही काटते हैं , हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता है |

लगातार पवित्र विचार करते रहो , बुरे संस्कारों को दबाने के लिए एकमात्र यही उपाय है | 

11-यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता , तो मुझे विश्वास है बुराइयों का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता | 


12-जब लोग तुम्हें गाली दें तब तुम उन्हें आशीर्वाद दो और सोचो कि तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालने में वो कितनी सहायता कर रहे हैं |


13-सत्य को हजारों तरीकों से बताया जा सकता है , फिर भी हर एक सत्य ही होगा |


14-ब्रह्माण्ड की साड़ी शक्तियां पहले से ही हमारी हैं | हमीं हैं जो आँखों पर हाथ रख लेते हैं और रोते हैं कि देखों कितना अंधकार है |


15-अन्धविश्वास बुरा है, लेकिन धर्मान्धता उससे भी बुरी है |

जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते 

16-जिस दिन आपके सामने कोई समस्या ना आये, समझ लेना आप गलत रास्ते पर हैं |


17-कुछ खोने से ज्यादा बुरा वो उम्मीद खोना है जिस के भरोसे हम सब कुछ दोबारा पा सकते हैं |


18-संघर्ष करना जितना कठिन होगा , जीत उतनी ही शानदार होगी |


19-विश्व में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि उनमें समय पर साहस का संचार नहीं हो पाता वो भयभीत हो जाते हैं |


20-यदि स्वयं में बहुत सी कमियाँ होने के बावजूद मैं स्वयं से प्रेम कर सकता हूँ तो दूसरों में थोड़ी  सी कमियाँ होने के कारण उनसे क्यों नहीं |


21-जिस समय जिस काम की प्रतिज्ञा करो , उसे उसी समय पर करना चाहिए , वर्ना लोगों का विश्वास उठ जाता है | 

संभव की सीमा को जानने का एक ही तरीका है असंभव से आगे निकल जाना | 

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