हर माता पिता अपने बच्चे को प्यार करते हैं …बहुत प्यार
और बच्चों की नज़रों में वो निर्दोष होते हैं
पर माता –पिता भी इसी समाज का हिस्सा है …उन्होंने भी अपने बचपन में
अपने हिस्से का सही गलत झेला होगा, सामाजिक दवाब ने उनके भी व्यहार को प्रभावित
किया होगा |
अपने हिस्से का सही गलत झेला होगा, सामाजिक दवाब ने उनके भी व्यहार को प्रभावित
किया होगा |
हो सकता है उन्हें ना पता हो कि उन्हें अपने ऊपर काम करना बाकी है |
वो अपने बचपन का दुष्परिणाम झेल रहे हैं पर क्या हम भी झेलते रहेंगे या हमें अपने
पर काम करके खुद को इस लायक बनाना चाहिए कि हमारा बचपन जीवित रहे पर बचपना नहीं और
आगे ये ट्रेट हम कम से कम पहुंचाएं | देखिये ये कैसे होता है …
वो अपने बचपन का दुष्परिणाम झेल रहे हैं पर क्या हम भी झेलते रहेंगे या हमें अपने
पर काम करके खुद को इस लायक बनाना चाहिए कि हमारा बचपन जीवित रहे पर बचपना नहीं और
आगे ये ट्रेट हम कम से कम पहुंचाएं | देखिये ये कैसे होता है …
बच्चे का चेतन मन प्यार समझता है पर अवचेतन में विपरीत व्यवहार दबता
जाता है |
जाता है |
एक बच्चे के माता –पिता उसके साथ मारपीट भी करते हैं पर उसे बहुत
उपहार भी ला कर देते हैं | उपहार को बच्चा प्यार समझ कर ले लेता है पर मारपीट उसके
अवचेतन में दबती जाती है |
उपहार भी ला कर देते हैं | उपहार को बच्चा प्यार समझ कर ले लेता है पर मारपीट उसके
अवचेतन में दबती जाती है |
एक बच्चे के माता –पिता उससे प्यार भी करते हैं पर सफलता के लिए उस पर
दवाब भी बनाते हैं बच्चा प्यार और दवाब उसके अवचेतन में चला जाता है |यानि वो सफल नहीं होगा तो कोई उसे प्यार नहीं करेगा |
दवाब भी बनाते हैं बच्चा प्यार और दवाब उसके अवचेतन में चला जाता है |यानि वो सफल नहीं होगा तो कोई उसे प्यार नहीं करेगा |
एक माता –पिता जो प्यार के साथ बहुत सारी रोक लगाते हैं| मसलन यहाँ नहीं जाना, ये नहीं करना, हमारे घर में सब इंजिनीयर ही हुए हैं आर्टिस्ट नहीं ….बच्चा प्यार अपना लेता है | रोक अवचेतन में चली जाती है |
एक
बच्चा माता –पिता का अच्छा भाव ले लेता है और बुरा अवचेतन में दबा देता है| बच्चा अपने माता -पिता को सर्वश्रेष्ठ समझता है | वो ये
नहीं समझ पाता कि उनका भी अभी अपने ऊपर काम बाकी है |
बच्चा माता –पिता का अच्छा भाव ले लेता है और बुरा अवचेतन में दबा देता है| बच्चा अपने माता -पिता को सर्वश्रेष्ठ समझता है | वो ये
नहीं समझ पाता कि उनका भी अभी अपने ऊपर काम बाकी है |
बड़े होते ही दबाया हुआ “बुरा व्यवहार या गलत व्यवहार” परेशानियाँ
उत्पन्न करने लगता है और ये मांग करने लगता है कि इस पर काम किया जाए |
उत्पन्न करने लगता है और ये मांग करने लगता है कि इस पर काम किया जाए |
एक बच्चा जिसने दवाब भोगा है
वो रिश्तों में दवाब बनाता है | जब ऐसा नहीं होता तो …वो एक रिश्ते से दूसरे रिश्ते की ओर भागता रहता है |
वो रिश्तों में दवाब बनाता है | जब ऐसा नहीं होता तो …वो एक रिश्ते से दूसरे रिश्ते की ओर भागता रहता है |
एक बच्चा जिसे यह अहसास कराया गया है कि वो अच्छा नहीं है वो हर किसी
से स्वीकृति चाहता है | चाहे उसके लिए उसे लोगों की गलत बात में हाँ में हाँ ही
क्यों न लगानी पड़े |ऐसे लोग जिन्हें हम ‘यस मैंन’ कहते हैं |
से स्वीकृति चाहता है | चाहे उसके लिए उसे लोगों की गलत बात में हाँ में हाँ ही
क्यों न लगानी पड़े |ऐसे लोग जिन्हें हम ‘यस मैंन’ कहते हैं |
जिस पर रोके लगायी गयी है वो बहुत सारी चीजों से डरता है |भय उसका स्थायी स्वाभाव बन जाता है |
अपने ऊपर काम करने के लिए जरूरी है कि जब भी ये conflict हो | यानि कि
स्वीकृति चाहिए , भय से पीछा छुडाना है या फिर हीनता बोध से ….ये आपको आपके पति
या पत्नी से नहीं मिलेगा | ये खुद से मिलेगा | बाहर सारी दौड़ बेकार होगी | ये आपके
दिमाग के ही एक हिस्से में है , जिसने आपको अस्वीकार किया है | उसे अहसास दिलाना
है …सब ठीक है |
स्वीकृति चाहिए , भय से पीछा छुडाना है या फिर हीनता बोध से ….ये आपको आपके पति
या पत्नी से नहीं मिलेगा | ये खुद से मिलेगा | बाहर सारी दौड़ बेकार होगी | ये आपके
दिमाग के ही एक हिस्से में है , जिसने आपको अस्वीकार किया है | उसे अहसास दिलाना
है …सब ठीक है |
ठीक है अगर मैं काली काली मोती नाटी भद्दी हूँ | ( आप और भी विशेषण जोड़ सकते हैं )
ठीक है अगर मैं उस परिभाषा में सफल नहीं हूँ
ठीक है …मैं हर वो काम कर सकती हूँ जिसको करने के लिए मुझे रोका गया |
अपने ऊपर काम करिए …आगे बढिए
#self_healing
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