खटास
हमारे घर की रसोई केवल पेट भरने का काम ही नहीं करती | जीवन के कई महत्वपूर्ण सूत्र भी यहीं से निकलते हैं | रिश्तों में खटास आ जाना कोई नई बात नहीं है पर माँ जानती है इस खटास को दूर कैसे किया जाए | प्रस्तुत है अंजू खरबंदा जी की लघुकथा .. खटास आज आरवी ऑफिस से सीधा माँ के यहाँ आ गई । कुछ देर की हल्की फुल्की बातचीत के बाद माँ ने कहा- “बेटा! आरव को भी फोन कर दे, खाना यहीं खाना । तुम्हारी पसंद की मसाला भिंडी बना रही हूँ आज!” “हाँ कर दूंगी अभी !” फोन पर गेम खेलते हुए अनमने मन से आरवी ने जवाब दिया । माँ ने रसोई से फिर आवाज लगाई- “अच्छा सुन! फ्रिज में से दही निकाल कर ले आ तो जरा !” आरवी ने फ्रिज खोल दही निकाली, उसकी खुशबू से अंदाजा लगाते हुए कहा- “माँ ये तो खट्टी हो गई लगती है, अब ये खाई नहीं जाएंगी ।” माँ ने आटा गूँथते हुए बिना उसकी ओर देखे ही जवाब दिया – “अरे ताजी दही ही है! तुम इसे अच्छी तरह से मथ लो और इसमें थोड़ा-सा दूध और पकौड़ी डाल रायता बना लो, जो हल्की खटास हुई भी तो चली जाएगी ।” “क्या इतने से ही …. काश इतनी आसानी से रिश्तों की खटास भी निकाली जा सकती !” उसकी हल्की सी बुदबुदाहट माँ के कानों में पड़ी तो वह चौंक उठी! “सब ठीक तो है न आरवी !” माँ ने उसके करीब आकर पूछा तो इतने दिनों से दिल में दबी कसक आँखों से बह निकली – “माँ… बहुत दिनों से आपसे बात करना चाह रही थी पर… कर नहीं पा रही थी । माँ चपल चंचल खंजन सी फुदकने वाली आरवी के माथे पर पड़ आए बलों को गौर से देखती रहीं । “माँ … एक्चुली हम दोनों के वर्किंग होने के कारण हम एक दूसरे को उतना समय नही दे पा रहे जितना देना चाहिए, इस वजह से मेरे और आरव के बीच … !” आरवी इससे आगे कुछ कह न पायी । “बेटा रिश्ते जताए नहीं निभाए जाते हैं! शुरु शुरु में ऐसी परेशानियाँ सभी के सामने आती हैं पर थोड़ी सी समझदारी से हल भी हो जाती हैं!” माँ की बात समझने की कोशिश करते हुए आरवी ने माँ की ओर देखा । वहाँ उसे आशाओं के दीप झिलमिलाते हुए दिखे । माँ ने मुस्कुराते हुए आरवी के सिर पर हाथ फेरा और दही के साथ मंथनी आरवी के आगे कर दी । अंजू खरबंदा दिल्ली अंजू खरबंदा यह भी पढ़ें ………. लघुकथा – एक सच यह भी लघुकथा -कलियुगी संतान साला फटीचर तीसरा कोण – संजय वर्मा की तीन लघुकथाएं आपको लघु कथा खटास कैसी लगी ? हमें अवश्य अवगत कराये | अटूट बंधन की रचनाएँ प्राप्त करने के लिए हमारा फेसबूक पेज लाइक करें और atootbandhann.com को सबस्क्राइब करें |