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हे श्याम सलोने आओ जी
अब तो तुम दरस दिखाओ जी
राह निहारे यसुमति मैया
तुम ठुमक ठुमक कर आओ जी
आओ मधु वन में मुरलीधर
दबा हुआ बच्चों का बचपन
अब राह नई दिखलाओ जी
पुनः द्रौपदी चीख रही है
अस्मत की चीर बचाओ जी
राग द्वेष से मुक्त करो हमें
गीता का पाठ पढ़ाओ जी
मति हीन हम सब मूरख हैं
अपना स्वरूप दिखलाओ जी
जन्म ले लिये कृष्ण मुरारी
सखियाँ सोहर गाओ जी