वंदना बाजपेयी
फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को कौन नहीं जानता |बेहद खूबसूरत कंगना ने प्रतिभा के दम पर बहुत कम समय में फिल्म इंडस्ट्री की क्वीन के रूपमें अपनी पहचान बना ली |३२ मार्च १९८७ को हिमांचल के सूरजपुर कसबे में जन्मी कंगना का कोई फ़िल्मी गॉड फादर नहीं था |कुछ क्रीएटीव करने की तलाश उन्हें मुंबई ले आई | वो उनके संघर्ष के दिन थे | १६ साल की उम्र में उन्होंने पहली फिल्म की थी |फिर उन्होंने पीछे मुड कर नहीं देखा | दिन रात संघर्ष करते हुए उन्होंने आज वो मुकाम हासिल कर लिया है की वो इस समय संबसे ज्यादा मेहनताना लेने वाली अभिनेत्रियों में शुमार हैं |
उनकी कहानी एक छोटे शहर की लड़की के बड़े सपने देखने , रास्ते के संघर्षों को झेलने व् हिम्मत के साथ जीतने की कहानी है | लेकिन आज हम बात कर रहे हैं कंगना के बेबाक अंदाज़ की | उनमें गलत को गलत कहने की हिम्मत है | ये साहस ये निडरता उनमें कहाँ से आती है ? बतौर कंगना ये साहस हर स्त्री में है | बस हमने ही उसे दबा के रखा है |
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अभी हाल में आपकी अदालत का कंगना का इंटरव्यू दिया | मेरे ख्याल से जिसने भी देखा
वह उनकी हिम्मत और बेबाकी का कायल जरूर हो गया हो होगा | उनके जो तर्क मुझे बहुत पसंद आये | वो आप अब से बाँट रही हूँ |क्योंकि वो हर स्त्री में हिम्मत जगाने वाले हैं | …
फ़िल्मी परिवार या नामी खानदान से आया हो | और उसको पहला एक्सपोजर अच्छा मिल जाए | मीडिया
पब्लिसिटी भी हो जाए पर किसी की प्रतिभा और किस्मत को कोई नहीं चुरा सकता | काम और
नाम प्रतिभा और किस्मत से आगे बढ़ता है न की खानदानों के लेवल से |
है जिद … कुछ पाने की | जिद्द को इच्छाशक्ति भी कह सकते हैं | जब इच्छा इतनी प्रबल होगी तभी इंसान कठिन परिश्रम कर सकता है | अन्यथा संघर्ष उसे तोड़ देंगे |
प्रतिभा का करना चाहिए | अगर कोई कहता है है की वो आपको कहाँ से कहाँ पहुंचा देगा
| तो उसका इरादा सिर्फ आपको कठपुतली बनाने का है | इसलिए ऐसे वाक्य बोलने वालों से
शुरुआत से ही किनारा कर लें | क्योंकि कठपुतली बनना आपकी प्रतिभा पर ग्रहण है |
फील्ड में हैं तो निरतर नए प्रयोग ही आपको और आपके जूनून को जिन्दा रख सकते हैं |
हमेशा अलग हट कर करने की सोंचिये |
साथ कुछ गलत हो रहा है तो बेख़ौफ़ हो कर
पुलिस की मदद लेनी चाहिए | क्योंकि परिवार और दोस्त चाहते हुए भी मदद नहीं कर सकते
| वो खुद इन पावरफुल लोगों से डर जाते हैं |
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एक लड़की पर जब
अनर्गल आरोप लगते हैं तो वो इसलिए डर कर चुप हो जाती है क्योंकि उसे लगता की उसके परिवार
वालों की फीलिंग्स हर्ट हो रही होंगी | जब वो अपने इस डर पर काबू पा लेती है तभी
वो हिम्मत से बेबाक बोलती है |
जब आप साहस करके गलत बातों के खिलाफ कुछ बोलना शुरू करते हैं तो आपको बेबाक या बेहया का खिताब मिलता है | और अगर आप नहीं बोलते हैं तो ये आरोप सिद्ध हो जाता है |
कितना भी दर लगे पर ये याद रखिये जब कोई अपनी बात हिम्मत से कहता है तो समाज उसका साथ देता है | झूठ के चाहे जितने भी मुंह हो पर जब सच सामने आता है तब सबको लकवा मार जाता है | जब किसी स्त्री के विरुद्ध प्रचार हो रहा हो तो उसे अपने सच के साथ धैर्य रखना चाहिए |
अगर आप रचनात्मक क्षेत्र में हैं तो प्रायोजित अवार्ड से दूरी बना कर रखिये क्योंकि ये खीदे जाते हैं | या पैसे के दम पर या चापलूसी के दम पर | दोनों ही बातों में अवार्ड पा कर भी आत्मसम्मान आप का ही टूटता है |
कंगना ने जिस तरीके से हर इल्जाम पर अपना पक्ष रखा | उन्होंने इस बात को गलत
सिद्ध कर दिया की जल में रह कर मगरमच्छ से बैर नहीं किया जा सकता | उन्होंने फिल्म
इंडस्ट्री के मगरमच्छों से बैर भी मोल लिया भी लिया फिर भी वो जल की रानी ( क्वीन
) हैं |
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धन्यवाद