फिल्म बधाई हो के बहाने लेट प्रेगनेंसी पर एक चर्चा
लेट प्रेगनेंसी -ये दोहरी मानसिकता किस लिए
यह एक हास्य फिल्म है पर इसमें लेट प्रेगनेंसी जैसे गंभीर मुद्दे को उठाया गया है
| गंभीर इस लिए कि हमारे देश में अभी भी महिलाओं को मीनोपॉज़ के बारे में ज्यादा
जानकारी नहीं है | उनको जानकारी नहीं है कि मनोपॉज़ का एक लम्बा साइकिल होता है
जिसमें पर्याप्त इंतजाम ना करने से कभी भी प्रेगनेंसी ठहर सकती है |
तौर पर लेते हैं |क्योंकि हमारे देश में अभी भी आने वाले बच्चे का तो स्वागत किया
जाता है पर वो बच्चा पति –पत्नी के जिस प्रेम के कारण दुनिया में आता है इस बात पर लोग
अपनी अनभिज्ञता दिखाते हैं या यूँ कहिये कि वो इस विषय पर बात करना ही नहीं चाहते
और अभी भी बच्चे तो भगवान् की देंन हैं जैसा
सामाजिक मुखौटा ओढ़े रहते हैं |
लोग ये दिखाते हैं कि ४० की उम्र के बाद पति –पत्नी एक दूसरे के साथ किसी प्रकार
का कोई शारीरिक रिश्ता नहीं रखते , बल्कि वो एक दूसरे के साथ रहते हुएभी
ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हैं | जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है ये बात हर कपल
जानता है | परन्तु दूसरे की प्रेगनेंसी की बात सामने आने पर ” छुपा रुस्तम ” का खिताब देने से नहीं चूकता |
करतीहै कि ऐसे स्थिति में किसी परिवार के लोगों को किस मानसिक उलझन से गुजरना पड़ता
है | इस दोहरी मानसिकता का एक अच्छा कटाक्ष फिल्म में नायिका की माँ व् नायिका के बीच
का संवाद है | नायिका की माँ प्रेगनेंसी के बारे में पूछती हैं कि ऐसे कैसे? और
नायिका मासूमियत के साथ उत्तर देती है , “ आई थिंक जैसे होता है वैसे”
क्या है लेट प्रेगनेंसी के खतरे
४० -५० की उम्र में बिना प्लानिंग के तीसरा बच्चा आ गया | जहाँ पहले के दो बच्चों
में दो या तीन साल का अंतर था वहीँ तीसरे बच्चे में १७ -१८ साल का अंतर | कितने ताने सुनने पड़ते थे उन्हें …टी वी नहीं देखते हो क्या , कोई नियंतरण ही नहीं है , अरे बच्चों को अपने बीच में सुलाया करो | मजाक के बीच कभी इस समस्या को समझने की कोशिश ही नहीं की , कि महिलाओं को मीनोपॉज़ के बारे में ठीक से जानकारी नहीं होती , या इसमें कितने हेल्थ कंप्लीकेशन हो सकते हैं या माता –पिता
को बच्चे के लालन –पालन के बारे में कितनी चिंता
होगी |
वैसे आज के ज़माने में लेट प्रेगनेंसी में डॉक्टर की निगरानी में कोम्प्लिकेशन से बचा जा सकता है | बस जरूरत है सही देखभाल की | उम्मीद है ये सब कारण जानने के बाद आप किसी की लेट प्रेगनेंसी पर “बधाई हो ” कहने के बाद मजाक उड़ाने केस्थान पर आप उस दम्पत्ति के साथ पूरी संवेदनाओं के साथ खड़े होंगे | वैसे भी किसी बच्चे को दुनिया में लाने का निर्णय एक महिला का और उसके परिवार का मिउल कर लिया हुआ निरनय होता है …. ऐसे में उन दोनों के इस निर्णय का स्वागत करना चाहिए , और कहना चाहिए …”बधाई हो “
ब्यूटी विथ ब्रेन – एक जेंडर बायस कॉम्प्लीमेंट
सबरीमाला -मंदिर –जड़ों को पर प्रहार करने से पहले जरा सोचें
क्या फेसबुक पर अतिसक्रियता रचनाशीलता में बाधा है
सोल हीलिंग -कैसे बातचीत से पहचाने आत्मा में छुपे घाव को