महाशिवरात्रि यानि भगवान् शिव और माता पार्वती के विवाह की पावन तिथि | कहते हैं इस दिन भगवान् शिव बहुत प्रसन्न रहते हैं | वैसे भी भोले बाबा जरा से नाम जप पर ही प्रसन्न हो कर वरदान दे देते हैं तो फिर ये दिन तो उनके लिए भी ख़ास है | इसलिए शिव की ख़ास कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त व्रत करते हैं , बेल धतूरा , मदार से शिव का पूजन करते हैं | हर घर हर मंदिर से आती हुई ॐ नम : शिवाय की ध्वनियाँ वातावरण को बहुत सात्विक बना देती है | महा शिवरात्रि के पावन अवसर पर हम आप सभी के लिए शिव को समर्पित ११ दोहे व् दो कुण्डलियाँ लाये हैं | तो आइये पढ़ें ………..
महाशिवरात्रि पर शिव को समर्पित 11 दोहे
शिव सा वर जो चाहिए , कर सोलह सोमवार
जन्मों तक चलता रहे , पति -पत्नी का प्यार
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महाशिवरात्रि जो करे ,शिव -गौरा को याद
सुखद दांपत्य जीवन की , वहाँ पड़ें बुनियाद
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मत चढ़ाओ दूध कभी , ना जोड़ो ये हाथ
करो सेवा दीनो की , मिल जायेंगे नाथ
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बेल धतूरा बेर से ,प्रसन्न होते आप
लें विष बरसायें सुधा , ऐसे भोलेनाथ
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तैंतीस कोटि देवता , से कहूँ कर के नमन
आप सभी के बीच है , सबसे भोला शिवम्
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शिव मंदिर के बाहर , लगी भक्तों की भीड़
जिस की हम सब शाख हैं, शिवजी हैं वो नीड़
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आज करूँ में वंदना , जोड़े दोनों हाथ
मेरी हर बाधा हरो , हे गौरी के नाथ
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माँगे वर शिव सा सदा , जब-जब पूजे गौर
सम कहने वाला नहीं , दूजा कोई और
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पूजें शंभु को,जपें ॐ नम: शिवाय
करते कामना , देवलोक से आय
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यामा में शिवरात्रि की , मलो अरघे चंदन
बेल धतूरा चढ़ा के , करो शिव का वंदन
करो शिव का वंदन , हो पूरे काज तुम्हारे
रिपु दल पीटें माथ, भटकते मारे -मारे
ना जाना करना भूल , ये व्रत पूरनकामा
सुनो महत्व की बड़े , ये शिवरातत्रि की यामा
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वंदना बाजपेयी
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सभी दोहे सुंदर हैं, वंदना दी।