मन बैरागी

मन बैरागी

प्रेम  की आधारशिला विश्वास है | विश्वासहींन  प्रेम भावनाओं को धीरे -धीरे वैसे ही खोखला करता जाता है जैसे दीमक घर की दीवारों को |कब मन से प्रेम का पक्षी उड़ जाता है और खाली पिजर वैरागी हो जाता है पता ही नहीं चलता | आइए पढ़ें कविता सिंह की लघुकथा .. मन बैरागी वही … Read more

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